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सोमवार, 12 मई 2025

नवरत्न फाउंडेशन्स के वार्षिकोत्सव "समर्पण" ने रचा सेवा-संस्कार का नया अध्याय

🔘 नवरत्न फाउंडेशन का 23वाँ वार्षिकोत्सव सामाजिक चेतना की एक जीवंत गाथा बन गया

नोएडा। जहाँ संवेदना हो, वहाँ सृजन होता है। जहाँ करुणा हो, वहाँ कल्याण पनपता है। और जब दोनों मिलकर कर्तव्य बन जाएँ, तो जन्म होता है, "समर्पण" जैसे आयोजनों का। 23 वर्षों से समाज के हाशिए पर खड़े व्यक्तियों को मुख्यधारा में लाने का जो संकल्प नवरत्न फाउंडेशन ने लिया था, वह 2025 के इस वर्ष में एक प्रेरक पर्व बनकर सामने आया।

नोएडा स्थित एनईए सभागार में जब दीप प्रज्ज्वलित हुआ, तो वह केवल एक परंपरा नहीं थी, वह मानवता के उजाले की शुरुआत थी। इस उजाले में देशभर से आए समाज के गुमनाम नायक, जिनकी सेवा ने चुपचाप समाज को संवार दिया, अपनी चमक से मंच को आलोकित कर रहे थे। चाहे बिहार के सुदूर जिले से आए चंदन कुमार दुबे हों, या नोएडा की गलियों में दिव्यांगों के अधिकारों के लिए लड़ रहे विक्की यादव। चाहे नई दिल्ली की PARI संस्था हो, जो बलात्कार पीड़ितों की आवाज़ बन चुकी है, या धारवाड़ की अनन्या पॉल, जो नारी गरिमा की मिसाल हैं, हर एक को नवरत्न पुरस्कारों से नवाज़ा गया, हर एक में समाज की आशा की झलक थी। यह कोई आम पुरस्कार वितरण नहीं था बल्कि यह सामाजिक समर्पण को नम्र नमन था। यह उन हाथों की पहचान थी जो ग़रीब की पीठ पर सहारा बनते हैं, उस मुस्कान का सम्मान था जो बेबस आंखों में उम्मीद भर देती है। मुख्य संरक्षक व पूर्व न्यायाधीश अरविंद श्रीवास्तव ने गर्व से कहा यह फाउंडेशन कोई संस्था नहीं, यह एक संवेदनशील आत्मा है, जिसने 22 वर्षों में 500 से अधिक सेवाव्रती जनों को समर्पण सम्मान से विभूषित किया है। और इस वर्ष भी, लगभग 15 विभूतियों को उत्तरवस्त्र, प्रतीक चिह्न और ₹11,000 की राशि के साथ सम्मानित कर उनका हृदय से अभिनंदन किया गया। पूर्व जिलाधिकारी एन.पी. सिंह का वक्तव्य जैसे आत्मा को छू गया, यदि किसी संस्था को मैं संत कहूँ, तो वह नवरत्न है… और यदि किसी व्यक्ति को सच्चा सेवक कहूँ, तो वह हैं इसके संस्थापक डॉ0 अशोक श्रीवास्तव। 

नवरत्न के संस्थापक अध्यक्ष डॉ0 अशोक श्रीवास्तव ने वार्षिकोत्सव में पधारे सभी अतिथियों का स्वागत, अभिनंदन करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम की सुरमयी शाम तब और भी अविस्मरणीय बन गई जब गायक दिवाकर शर्मा एवं अन्य कलाकारों ने संगीत के माधुर्य से जनमानस को भावविभोर कर दिया। संगीत और सेवा का यह संगम वास्तव में अध्यात्म की अनुभूति कराता रहा। समारोह में शामिल हुए 500 से अधिक गणमान्य नागरिकों जैसे कि राज्यसभा के पूर्व सचिव प्रदीप चतुर्वेदी, महिला आयोग की अध्यक्षा विमला बाथम, अंतरराष्ट्रीय वक्ता जमील अहमद, कनाडा से आए रोहित श्रीवास्तव, वैद्य अच्युत कुमार त्रिपाठी (आयुष मंत्रालय) आदि ने इस आयोजन को गरिमा और प्रेरणा से भर दिया। कुलमिलाकर "समर्पण" केवल एक वार्षिकोत्सव नहीं था। यह सामाजिक चेतना की कविता था, सेवा की आरती थी, और उस भाव का उत्सव था जो कहता है, जब तक समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति की आंखों में भी आत्मसम्मान की रोशनी नहीं आती, तब तक हमारी सेवा अधूरी है। नवरत्न फाउंडेशन का यह प्रयास उन सभी के लिए एक प्रेरणा है, जो समाज को बेहतर बनाने का स्वप्न देखते हैं… और उसे साकार करने का साहस रखते हैं।

कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि  प्रदीप चतुर्वेदी, सयुंक्त सचिव, भारत सरकार, राजीव श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव, चुनाव आयोग, रोहित श्रीवास्तव, टोरोंटो, कनाडा, विमला बाथम, विनोद मिश्रा, विपिन मल्हन, डॉ. वी एस चौहान, विंग कमांडर आशिष सक्सेना, डॉ. कल्पना भूषण, आयुर्वेद आचार्य अच्युत कुमार त्रिपाठी, आचार्य गौत्तम ऋषि, आदित्य घिल्डियाल, अनु खान, अरविन्द श्रीवास्तव, विवेक श्रीवास्तव, अनुरंजन, महेश सक्सेना,  ज्योति सक्सेना, जमील अहमद जी, एन पी सिंह, कर्नल अमिताभ अमित, राकेश कोहली, राकेश सिन्हा, रजनी शर्मा, ग्रुप कैप्टेन जी सी मेहरा, अशोक सक्सेना, मृदुला सक्सेना, सुनील सक्सेना, कृष्ण मोहन, शालू सिंह, मदन लाल, सुनील पुरी, प्रदीप शर्मा, रितु नाथ, विमलेश शर्मा, दिनेश भारद्वाज ओ पी गोयल. उपस्थित रहे।

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