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बुधवार, 30 अप्रैल 2025

Lmp. रक्त की एक बूंद नहीं, यह तो जीवन की एक उम्मीद है : ..... एक मानवीय प्रयास

जनजागरण न्यूज।  जब मानवता कराह रही हो, और ज़रूरतमंद की आंखों में उम्मीद की आखिरी चमक भी मद्धम पड़ने लगे, तब कोई आगे बढ़कर अगर जीवन का संबल बन जाए तो वह केवल एक कार्य नहीं, बल्कि एक युगांतकारी संदेश बन जाता है।

आज भारत विकास परिषद ने ऐसा ही एक जीवंत उदाहरण प्रस्तुत किया। परिषद के क्षेत्रीय गतिविधि संयोजक डॉ. राजवीर सिंह ने एक परिषद के जरूरतमंद सदस्य के पिता के जीवन को संबल देते हुए, चन्द्राणी नर्सिंग होम एवं ब्लड कम्पोनेंट, ब्लड बैंक में एक यूनिट रक्तदान किया। यह रक्त केवल शरीर की नसों में बहने वाला तरल नहीं था यह तो आशा, करुणा और सेवा का प्रतीक बन गया। डॉ. राजवीर सिंह का यह कदम एक बार फिर यह सिद्ध करता है कि सच्ची सेवा वही है, जो निस्वार्थ हो, जो किसी पुरस्कार की अपेक्षा नहीं करती, बल्कि भीतर से उठती उस आवाज़ का उत्तर देती है, जिसे हम 'मानव धर्म' कहते हैं। 

इस मानवीय कार्य के लिए परिषद के प्रांतीय महासचिव डॉ. पी. के. गुप्ता सहित अनेक वरिष्ठ पदाधिकारियों ने डॉ. सिंह की सराहना करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्य न केवल समाज को नई दिशा देते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा-पथ भी बनाते हैं। यह घटना हमें यह सिखाती है कि बड़े बदलावों की शुरुआत छोटी-सी भावना से होती है और यदि उस भावना में सच्चा समर्पण हो, तो वह रक्त की एक बूंद नहीं, जीवन का अमृत बन जाती है।

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