लखीमपुर खीरी से विशेष संवाददाता। 28 अप्रैल 2025 की सुबह ईसानगर के जसवंत नगर के उच्च प्राथमिक विद्यालय परिसर में कुछ अलग ही चमक थी। जैसे कि सूर्य की पहली किरणों ने शिक्षक चेतना की उजास में खुद को ढाल लिया हो। यह अवसर था उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ, विकास क्षेत्र ईसानगर की नवीन इकाई के गठन का, जिसमें राजेश यादव निर्विरोध अध्यक्ष और दुर्गेश श्रीवास्तव निर्विरोध मंत्री निर्वाचित हुए।
यह केवल एक चुनाव नहीं था यह एक विश्वास था, एक संकल्प था, उस शिक्षक समाज का जो वर्षों से संघर्ष की ताप सहकर भी शिक्षा की मशाल थामे खड़ा रहा। जैसे ही जिलाध्यक्ष विनोद मिश्रा ने नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई, पूरा वातावरण शिक्षक एकता और आत्मबल से गूंज उठा। पुष्पमालाओं से अभिनंदन करते साथियों की आंखों में एक नवीन आशा थी नेतृत्व के प्रति श्रद्धा और भविष्य के प्रति आश्वस्ति।
जिलाध्यक्ष विनोद मिश्रा का उद्बोधन किसी कवि के स्वर की तरह मन को छू गया यह संघ केवल संगठन नहीं, शिक्षक स्वाभिमान और भविष्य निर्माण की जीवंत प्रतिज्ञा है। उनके शब्दों ने जैसे उपस्थित प्रत्येक शिक्षक के मन में वह दृढ़ता भर दी कि वे केवल शिक्षकों का प्रतिनिधि नहीं, बल्कि समाज के दिशा-निर्देशक हैं।
जिला प्रवक्ता आशीष प्रताप श्रीवास्तव ने जब कहा, शिक्षक केवल ज्ञानदाता नहीं, राष्ट्र की वैचारिक रीढ़ हैं, तो वह स्वर नहीं, आत्मा की पुकार थी। उनके शब्दों में संगठन की भावना, संघर्ष की गरिमा और संकल्प का उजास स्पष्ट झलकता था।
राजेश यादव और दुर्गेश श्रीवास्तव ने जब शिक्षक साथियों के सामने आभार प्रकट किया, तो वह कोई औपचारिक वक्तव्य नहीं था वह एक सच्चे सेवक का प्रण था। यह जिम्मेदारी केवल पद नहीं, हम सभी के विश्वास की अमानत है, उनके इन शब्दों ने स्पष्ट कर दिया कि यह नेतृत्व आत्मगौरव नहीं, आत्मनिष्ठा से प्रेरित है।
इस शुभ अवसर पर जब वरिष्ठ शिक्षक लालता प्रसाद वाजपेई, रमेश चंद्र नागर, शालिनी श्रीवास्तव, सरोजनी देवी, निकहत अज़रा, और शमशुल हुदा खान जैसे शिक्षाविदों की उपस्थिति हुई, तो वह किसी साधारण आयोजन की नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक चेतना के उत्थान की घोषणा थी।
कार्यक्रम का संचालन कमल कुमार मिश्रा ने जिस संयम और भावनात्मक संयोजन के साथ किया, वह स्वयं में एक उदाहरण था कि शब्दों से कैसे संगठन की आत्मा को छूया जा सकता है।
कुलमिलाकर ईसानगर की यह सुबह एक साधारण चुनाव की नहीं, शिक्षक चेतना के पुनर्जागरण की कहानी कहती है। यहाँ शिक्षकों ने केवल प्रतिनिधि नहीं चुने, उन्होंने विश्वास, नेतृत्व और भविष्य की नींव रखी है। यह अध्याय आने वाले वर्षों में संगठनात्मक समर्पण और शिक्षकीय गरिमा का प्रकाशपुंज बनकर आगे बढ़ेगा।
🔘 अनिल कुमार श्रीवास्तव 📞8800127319
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