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बुधवार, 30 अप्रैल 2025

Lmp. राज्य महिला आयोग की सदस्या सुजीता कुमारी ने की जनसुनवाई और निरीक्षण

लखीमपुर खीरी, 30 अप्रैल। राज्य महिला आयोग की सदस्या श्रीमती सुजीता कुमारी ने लखीमपुर खीरी में आयोजित जनसुनवाई और निरीक्षण कार्यक्रम के दौरान महिलाओं और बच्चों के कल्याण हेतु कई महत्वपूर्ण पहल की। इस कार्यक्रम में 29 प्रकरणों की सुनवाई की गई और साथ ही महिला सशक्तिकरण की दिशा में वन स्टॉप सेंटर, महिला बंदीगृह और आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया। श्रीमती कुमारी ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का भी दौरा कर वहां की व्यवस्थाओं का मूल्यांकन किया और सुधारात्मक दिशा-निर्देश दिए।

राज्य महिला आयोग सदस्या सुजीता कुमारी ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जनसुनवाई आयोजित की। जनसुनवाई में कुल 29 प्रकरणों की सुनवाई की, जिनमें आवास संबंधित 5 मामले, जमीनी विवाद से संबंधित 10 मामले, घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न से जुड़े 10 मामले और अन्य 4 प्रकरण शामिल रहे। इस जनसुनवाई कार्यक्रम में सीएमएस डॉ ज्योति मल्होत्रा, सीओ सिटी राकेश कुमार तिवारी, डीपीओ लवकुश भार्गव, डिप्टी सीएमओ डॉ. लालजी पासी, नायब तहसीलदार सदर, और महिला थानाध्यक्ष श्रद्धा सिंह उपस्थित रहे, जिन्होंने महिलाओं के मुद्दों को लेकर अपने विचार साझा किए और समाधान की दिशा में विचार-विमर्श किया।

सुनवाई के बाद सुजीता कुमारी ने महिला सशक्तिकरण के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए कई महत्वपूर्ण निरीक्षण किए। सबसे पहले उन्होंने वन स्टॉप सेंटर का निरीक्षण किया और वहां की व्यवस्थाओं का मूल्यांकन किया, ताकि महिलाओं के लिए बेहतर सहायता प्रदान की जा सके। इसके बाद, महिला बंदी गृह का दौरा किया और वहां की सुरक्षा, स्वास्थ्य, और अन्य व्यवस्थाओं की भी समीक्षा की।

● आंगनबाड़ी केंद्र और गोद भराई कार्यक्रम

मा.सदस्य ने आंगनबाड़ी केंद्र अनवर नगर का भी निरीक्षण किया। यहां उन्होंने बच्चों के अन्नप्राशन और दो गर्भवती माताओं की गोद भराई की, जो इस पहल को और भी मानवीय और सशक्त बना रहे हैं। यह कदम महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण के प्रति प्रशासन की संवेदनशीलता को दर्शाता है।

*कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का निरीक्षण*
इसके बाद, उन्होंने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, बेहजम का दौरा किया, जहां बच्चों की भोजन और आवास व्यवस्था का गहन मूल्यांकन किया गया। उन्होंने वहां की व्यवस्थाओं को देखा और नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए वार्डन को जरूरी दिशा-निर्देश दिए, ताकि विद्यालय में पढ़ाई और स्वास्थ्य का सामंजस्य बना रहे।

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