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मंगलवार, 29 अप्रैल 2025

वैज्ञानिकों ने सूर्य के 'भूमिगत मौसम' का बनाया पहला चार्ट, भारत की अहम भूमिका

29 अप्रैल 2025 | वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने सूर्य के भीतर मौजूद "निकट-सतह कतरनी परत" (Near-Surface Shear Layer - NSSL) में प्लाज्मा के विशाल प्रवाह का सफलतापूर्वक मानचित्रण किया है। यह अध्ययन सूर्य के 11-वर्षीय सौर गतिविधि चक्र से जुड़ा हुआ है और सौर गतिशीलता की समझ में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है।
भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIA) के प्रोफेसर एस.पी. राजगुरु और पीएचडी छात्रा अनीशा सेन के नेतृत्व में, इस शोध ने सूर्य की सतह के ठीक नीचे लगभग 35,000 किमी गहराई में बहने वाली प्लाज्मा धाराओं का विश्लेषण किया। हेलियोसिस्मोलॉजी तकनीक द्वारा इन प्रवाहों को ट्रैक किया गया, जिसमें NASA और US National Solar Observatory के डेटा का उपयोग किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, सतही प्रवाह जहां सूर्य के सक्रिय क्षेत्रों की ओर अभिसरित होते हैं, वहीं गहराई में जाकर ये दिशा बदलते हैं और बाहर की ओर बहने लगते हैं। यह खोज दर्शाती है कि सूर्य का आंतरिक चुंबकीय व्यवहार कहीं अधिक जटिल है और इसके पीछे अब भी कई रहस्य छिपे हैं।
इस अध्ययन से अंतरिक्ष मौसम की भविष्यवाणी और पृथ्वी पर इसके प्रभाव को समझने में मदद मिलेगी। .. स्रोत पीआईबी


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