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गुरुवार, 6 मार्च 2025

खूंखार आतंकवादी लाजर मसीह को यूपी एसटीएफ और पंजाब पुलिस ने किया गिरफ्तार

प्रयागराज /कौशम्बी देश की सुरक्षा एजेंसियों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि आतंक का कोई भी चेहरा कितना ही शातिर क्यों न हो, कानून के हाथ उससे लंबे ही होते हैं। 6 मार्च भोर करीब 3:20 बजे उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स और पंजाब पुलिस की संयुक्त टीम ने खतरनाक आतंकी लाजर मसीह को धर दबोचा। यह गिरफ्तारी उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के कोखराज थाना क्षेत्र में हुई, जहां आतंकी अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने की फिराक में था। लेकिन शायद उसे अंदाजा नहीं था कि सुरक्षा एजेंसियां पहले ही उसके पीछे पूरी तैयारी से लग चुकी हैं।लाजर मसीह सिर्फ एक आतंकी नहीं, बल्कि बर्बर खालसा इंटरनेशनल और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईसआई के बीच की कड़ी था। यह खूंखार आतंकी जर्मनी में बैठे स्वर्ण सिंह उर्फ जीवन फौजी के लिए काम करता था, जो कि BKI के जर्मन मॉड्यूल का सरगना है। इतना ही नहीं, लाजर पाकिस्तान में बैठे ISI के एजेंट्स के सीधे संपर्क में था और भारत में किसी बड़े हमले की साजिश रच रहा था।आतंकी की गिरफ्तारी कोई आम उपलब्धि नहीं थी। वह 24 सितंबर 2024 को पंजाब की न्यायिक हिरासत से फरार हो चुका था और लगातार पुलिस और खुफिया एजेंसियों को चकमा दे रहा था। लेकिन कहते हैं न, अपराधी कितना भी चालाक क्यों न हो, कानून की आंखों से बच नहीं सकता।लाजर मसीह के पास से जो सामान बरामद हुआ, वह किसी भी सुरक्षा एजेंसी के लिए खतरे की घंटी था। उसके पास से 3 सक्रिय हैंड ग्रेनेड, 2 एक्टिव डेटोनेटर, एक विदेशी पिस्टल (नोरिंन्को M-54 टोकरेव , USSR की बनी हुई 7.62 mm) और 13 विदेशी कारतूस बरामद हुए। इसके अलावा सफेद रंग का विस्फोटक पाउडर भी मिला, जो किसी बड़ी तबाही की योजना का इशारा कर रहा था।इतना ही नहीं, आतंकवादी के पास गाजियाबाद पते का आधार कार्ड और सिम कार्ड के बिना एक मोबाइल फोन मिला। साफ था कि वह पहचान छिपाने के लिए कई नामों और ठिकानों का इस्तेमाल कर रहा था। लेकिन STF और पंजाब पुलिस की जुगलबंदी के आगे उसकी कोई भी चाल ज्यादा देर तक नहीं चल सकी।लाजर मसीह के पकड़े जाने के बाद यह सवाल उठता है कि आखिर वह किस बड़े हमले की तैयारी में था? कौन-कौन उसके नेटवर्क में शामिल था? और सबसे बड़ी बात – क्या पाकिस्तान की ISI के साथ मिलकर BKI भारत में किसी बड़े आतंकी हमले की साजिश रच रहा था?

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