🔘 त्रिवेणी स्नान कर महाकुंभ नगर में आस्था का संचार करेंगे चित्रांश
लखीमपुर। धार्मिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक क्षेत्रों में अनुकरणीय योगदान दे रही संस्था श्री चित्रगुप्त कायस्थ सभा लखीमपुर खीरी लखीमपुर से प्रयागराज महाकुम्भ जाकर त्रिवेणी दर्शन, स्नान कर तीर्थराज में आस्था का संचार करेगी।
धार्मिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक क्षेत्रों में अनुकरणीय योगदान दे रही संस्था श्री चित्रगुप्त कायस्थ सभा लखीमपुर खीरी लखीमपुर से प्रयागराज महाकुम्भ जाकर त्रिवेणी दर्शन, स्नान कर तीर्थराज में आस्था का संचार करेगी। 8 फरवरी, दिन शनिवार माघ माह के शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि को शुरू हो रही संस्था की यह धार्मिक यात्रा फ़रवरी 9, 2025, रविवार माघ माह के शुक्ल पक्ष द्वादशी तिथि को संगम के तट पर पहुंच कर भोर की बेला में स्नान दान करेगी। तदोपरांत तीर्थराज प्रयाग के प्रमुख धार्मिक स्थलों का भ्रमण कर आस्था का संचार करेगी। 9 फरवरी को रात्रिबेला में वापसी कर 10 फरवरी दिन सोमवार को सुबह वापस लखीमपुर आएगी।
इस धार्मिक यात्रा के संयोजक नितिन श्रीवास्तव ने बताया धर्म संस्कृति के वैश्विक आयोजन महाकुंभ में प्रतिभाग करने के लिए लखीमपुर के 50 से अधिक चित्रांशों ने पंजीकरण करवा लिया है। स्वस्थ्य, सुरक्षित महाकुंभ यात्रा के लिए संस्था ने एक विस्तृत रूपरेखा बना कर कार्ययोजना पूर्व में तैयार कर ली थी, जिसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। श्री श्रीवास्तव ने बताया कि महाकुंभ दर्शन की कार्ययोजना श्री चित्रगुप्त कायस्थ सभा की बीती मासिक बैठक के बाद तैयार कर ली गई थी।
संस्थाध्यक्ष डॉ0 ओम प्रकाश श्रीवास्तव, महामंत्री चित्रांश अनूप सिंह, कोषाध्यक्ष लोकेंद्र श्रीवास्तव, महिला शाखा अध्यक्षा अर्चना श्रीवास्तव, उपाध्यक्षा अनीता निगम, संरक्षकगण राजीव रत्न खरे, शशिकांत श्रीवास्तव, राजेश श्रीवास्तव एडवोकेट, इंजीनियर राजेश श्रीवास्तव, रवि कांत श्रीवास्तव, मुकेश सक्सेना सहित संस्था के अन्य वरिष्ठजनों के मार्गदर्शन में आयोजित हो रही इस महाकुंभ दर्शन यात्रा का शुभारंभ भगवान चित्रगुप्त के जयकारे के साथ श्री दुर्गे चित्रगुप्त मंदिर के समीप स्थित कलम दवात चौराहे से 8 फरवरी की रात 8 बजे से शुरू की जाएगी जिसका समापन उसी स्थान पर 10 फरवरी को सुबह किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि श्री चित्रगुप्त कायस्थ सभा लखीमपुर खीरी धार्मिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक आयोजनों में अग्रणी रहकर सामाजिक सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक उत्थान में अहम योगदान दे रही है। जहां एवं तरफ संस्था श्री दुर्गे चित्रगुप्त मंदिर एवं श्री चित्रगुप्त कायस्थ धर्मशाला के सुंदरीकरण एवं विकास में लगातार प्रयत्नशील रहकर अपने दायित्वों का निर्वहन करती दिखती है, वहीं समय समय पर महापुरुषों की जयंती पर महापुरुषों के कृतित्व एवं व्यक्तित्व को याद करती दिखाई देती है। क्षुधा तृप्ति सेवा, प्रतिभा विकास समर्पित कार्यक्रमों, वृद्धाश्रम सेवा, बाल विकास महिला विकास एवं शिक्षा के क्षेत्रों में अतुलनीय योगदान दे रही है। इसके साथ ही मासिक बैठक कर अपने कार्यों की समीक्षा, अगले माह और अधिक बेहतर करने का संकल्प लेकर समाज में उदाहरण बन रही है।
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