भारतीय संस्कृति के उच्चतम प्रतिमान
महाकुम्भ 2025 के अंतर्गत आज परम पूज्य जूनापीठाधीश्वर आचार्यमहामण्डलेश्वर अनन्तश्री विभूषित पूज्यपाद श्री स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज "पूज्य प्रभु श्री" ने आज सनातन हिन्दू वैदिक धर्म संस्कृति के रक्षण-संवर्धन एवं श्रीमद्आद्यजगद्गुरु शंकराचार्य जी के अद्वैत मत के प्रसार व विस्तार हेतु श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े में पूज्य श्री स्वामी विश्वेश्वर भारती जी, पूज्य श्री स्वामी अनंतानन्त आनन्दवन भारती जी महाराज, पूज्य श्री स्वामी बलराम पुरी जी महाराज, पूज्य श्री स्वामी आत्मवंदना गिरिजी, पूज्य श्री स्वामी विष्णु गिरि जी, पूज्य श्री स्वामी ऋषि भारती जी महाराज, पूज्य श्री स्वामी विश्वेश्वरी माता जी, पूज्य स्वामी वीरेन्दर गिरि जी और पूज्य श्री स्वामी मनोरमा गिरि जी महाराज की पट्टाभिषेक के साथ महामण्डलेश्वर पद पर नियुक्ति की।सभी नवनियुक्त महामण्डलेश्वरगण सनातन वैदिक हिन्दू धर्म-संस्कृति के प्रसार हेतु कार्य करेंगे।इस अवसर पर श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के सभापति पूज्य श्री स्वामी प्रेम गिरि जी महाराज, पूज्य श्री स्वामी भवानी नंदन यति जी महाराज, हिन्दू धर्म आचार्य सभा के महासचिव पूज्य श्री स्वामी परमात्मानन्द गिरि जी महाराज समेत बड़ी संख्या में पूज्य सन्तों-महामण्डलेश्वरों और साधकों की उपस्थिति रही।
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