*"अब क्या घबराना"*
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
जीवन पथ पर सब ही बटोही
नित निज मंजिल तक है जाना
हैं ऊबड़-खाबड़ राहें पथरीली
पर पथिक को मंजिल है पाना
नियम-संयम, विश्वास साथ तो
फिर बाधा क्या! क्यों रुक जाना
सोंच सकारात्मक संग लक्ष्य भी
बढ़,चल राही..अब क्या घबराना
✍🏻रामG
राम मोहन गुप्त 'अमर'
*"सही राह चुन है चलना "*
•••••••••••••••••••••••••••
जब-जब लगे है राह मुश्किल रह सजग सोचना
सोंच सकारात्मक आत्मविश्वास बढ़ाते नवचेतना
संग संयम और लगन के हैं संभव सफलताएं सभी
रह साथ इनके कर्म करके नाप
सकते सारी जमीं
क्या कुछ हो नहीं सकता अगर
मन में ठान लें
बस सही राह चुन अथक चलना
है यह जान लें
✍🏻 रामG
राम मोहन गुप्त 'अमर'
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Post Comments