● प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के अंतर्गत तीन दिवसीय, छठे और अंतिम सत्र का लाभार्थी प्रशिक्षण कार्यक्रम शुभारंभ
लखीमपुर, 25 नवम्बर 2024: प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के अंतर्गत तीन दिवसीय बेनिफिशियरी प्रशिक्षण का छठा और अंतिम सत्र का आज जनप्रतिनिधि इंजीनियर दुर्गेश वर्मा, जिला पंचायत सदस्य लखीमपुर द्वारा विधिवत उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर दुर्गेश वर्मा ने फीता काटकर एवं मां सरस्वती जी के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की।
उद्घाटन समारोह में वक्ताओं ने सूक्ष्म खाद्य उद्योगों की महत्ता एवं विकास के लिए विभिन्न सुझाव दिए। जिला प्रशिक्षण अधिकारी मनीष चन्द्रा ने जल बोतलों के उदाहरण के माध्यम से इस क्षेत्र की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि वर्ष 2000 में जब एक लीटर पानी की बोतल बाजार में आई थी, तब उसकी मांग कम थी, किन्तु जैसे-जैसे पैकिंग के आकार में बदलाव आया, जैसे कि 500ml और 250ml पाउच में आने के कारण मांग में बुरी तरह से वृद्धि हुई। इसी संदर्भ में उन्होंने आलू चिप्स और केला चिप्स का उदाहरण देकर उद्यमियों को अपने उत्पाद के छोटे-छोटे पैकिंग में बाजार में लाने की सलाह दी, ताकि वे अच्छा मुनाफा कमा सकें।
केंद्र प्रभारी राजेश कुमार पिप्पल, ने उद्यमियों से परिचय कराते हुए परमवीर सिंह के दशमेश उद्योग का उल्लेख किया, जो जगदेवपुर नानक फॉर्म, भीरा खीरी में स्थित है। उन्होंने बताया कि इस उद्योग ने प्रधानमंत्री योजना के तहत लाभ प्राप्त किया है और इनके द्वारा जैविक गुड़ का उत्पादन किया जा रहा है। उनके गुड़ में विशेषता के तौर पर चाय के लिए तैयार किए गए गुड़ को लोगों द्वारा पसंद किया जा रहा है।
उद्यमिता के क्षेत्र में अपनी सफलता की कहानी साझा करते हुए श्रीमती शबनम बानो मुड़ा बुजुर्ग, निघासन ने बताया कि उन्होंने नमकीन, केला चिप्स और आलू चिप्स का उद्योग लगाकर अच्छा मुनाफा कमाया है। उन्होंने उल्लेख किया कि वह भी इस योजना से लाभान्वित हो चुकी हैं और उनकी सब्सिडी भी प्राप्त हो चुकी है। इस काम से वह बेहद खुश हैं और इसे और आगे बढ़ाने की इच्छा रखती हैं।
इसके अलावा, अनूप सिंह, पूर्व जिला समन्वक कौशल विकास मिशन, ने लाभार्थियों को अपने उद्योगों के विकास के लिए गुणवत्ता युक्त उत्पाद तैयार करने की दिशा में जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि अच्छी गुणवत्ता के उत्पादों के माध्यम से उद्यमी अधिक मुनाफा कमा सकते हैं, जो उन्हें विकसित करने में सहायक रहेगा।
जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी, नाथू लाल कुशवाहा ने FSSAI लाइसेंस के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यदि उद्यमी बिना लाइसेंस के अपने उत्पादों को बेचने का प्रयास करते हैं, तो उन्हें कारावास एवं अर्थदंड का सामना भी करना पड़ सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि FSSAI लाइसेंस लेकर ही अपने उत्पाद को सील बंद कर बाजार में उतार सकते हैं।
सतीश कुमार मौर्य ने सोशल मीडिया के माध्यम से उत्पादों का प्रचार-प्रसार कर लोगों से जुड़ने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि एक मजबूत ऑनलाइन उपस्थिति उद्यमियों को एक नई पहचान दिला सकती है और उन्हें अधिक ग्राहक प्राप्त करने में मदद कर सकती है।
इस अवसर पर पूर्व प्रभारी राम जी वर्मा, शिवकुमार पिप्पल, सिद्धार्थ गौतम, अनिल कुमार वर्मा, कुमारी वंदना वर्मा, कुमारी नेहा वर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहे।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उद्यमियों को आत्मनिर्भर बनाना एवं उनके उद्योगों को आगामी समय में अधिक लाभकारी एवं प्रतिस्पर्धी बनाना है। सभी उद्यमियों से अनुरोध किया गया कि वे इस योजना का अधिकतम लाभ उठाएं और अपने उद्योगों को आगे बढ़ाने के लिए सक्रिय प्रयास करें। संपन्नता का यह मार्ग केवल मेहनत और समर्पण से ही खुल सकता है, और इसके लिए सभी उद्यमियों को प्रोत्साहित किया गया।
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