प्रयागराज अनुप्रिया पटेल ने कुछ दिन पहले ही एससी, एसटी और ओबीसी के अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरी नहीं मिलने का मुद्दा उठाते हुए योगी सरकार पर निशाना साधा था. हालांकि उनकी पार्टी अपना दल (एस) एनडीए गठबंधन का ही हिस्सा है. वहीं अब अनुप्रिया ने यूपी में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि इसमें ओबीसी अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हुआ है.उत्तर प्रदेश में उपचुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर सहयोगी दल तरह-तरह से दबाव बनाने लगे हैं. हालांकि, कोई भी सीधे तौर पर बोल नहीं रहा है, लेकिन आरक्षण और जातीय जनगणना को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं. वहीं केंद्रीय राज्य मंत्री और अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने सोमवार को प्रयागराज में एक बार फिर बड़ा बयान दिया है.
अनुप्रिया पटेल ने कहा कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में अन्याय हुआ है. ओबीसी के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हुआ है. आरक्षण के नियमों की इस भर्ती में अवहेलना हुई है. यह बात राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी कही है. इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी इसपर अपनी मुहर लगा दी है. उन्होंने कहा कि अपना दल (एस) का स्टैंड साफ है. उनकी पार्टी जातीय जनगणना की पक्षधर रही है. देश में जातीय जनगणना होनी चाहिए.बता दें कि केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने सोमवार को अपने प्रयागराज दौरे के दौरान फूलपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को धार देने के लिए पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ घंटों बैठक की. इस दौरान उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को एनडीए के प्रत्याशी को जिताने का निर्देश भी दिया. अनुप्रिया पटेल ने पार्टी की बैठक के बाद एक बड़े कार्यकर्ता सम्मेलन को भी संबोधित किया.अनुप्रिया ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि देश में पिछड़ा वर्ग की एक बहुत बड़ी आबादी है. 90 के दशक में जब मंडल आयोग की सिफारिशें लागू हुईं उस वक्त यह अनुमान लगाया गया कि पिछड़ों की आबादी 52 प्रतिशत है.उन्होंने कहा कि इतने साल में जब देश की आबादी 140 करोड़ पहुंच गई है और 2047 तक जब देश अपनी आजादी के 100 वर्ष पूरे करेगा, तब तक देश की आबादी 167 करोड़ होने का अनुमान है. उस समय तक पिछड़ा वर्ग की आबादी भी काफी हद तक बढ़ चुकी होगी.अनुप्रिया पटेल ने कहा कि देश की इतनी बड़ी आबादी की बहुत सारी समस्याएं और चुनौतियां हैं जिन पर सरकार को ध्यान देने की जरुरत है. केंद्र में एक समय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय और जनजाति कल्याण मंत्रालय नहीं हुआ करता था. लेकिन, बाद में अल्पसंख्यक और जनजाति आबादी की समस्याएं दूर करने के लिए इनके मंत्रालय बने.
उन्होंने कहा कि अपना दल का मानना है कि इस देश में पिछड़ों की एक बहुत बड़ी आबादी है. इसलिए जब देश में जनगणना हो तो पिछड़ा वर्ग की भी गिनती की जाए जिससे पिछड़ा वर्ग की आबादी के प्रामाणिक आंकड़े सामने आ सकें. पिछड़ा वर्ग के साथ न्याय के लिए पिछड़ा वर्ग मंत्रालय का गठन होना आवश्यक है.
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