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मंगलवार, 24 सितंबर 2024

कहीं आप भी तो पनीर, इडली, डोसा और दही का सेवन इस तरह नहीं करते, नॉलेज गेन करने की घट सकती है क्षमता

कहीं आप भी तो पनीर, इडली, डोसा और दही का सेवन इस तरह नहीं करते, नॉलेज गेन करने की घट सकती है क्षमता : सदगुरु जग्गी वासुदेव 


प्रयागराज सदगुरु जग्गी वासुदेव के मुताबिक अगर आप इडली को एक सीमा से ज्यादा फर्मेंट करते हैं तो ये अपना खुद का बायोम बना लेता है और आपके बायोम को सहारा नहीं देता। थोड़ा फर्मेंटेशन आंत के बायोम को बढ़ाता है।फर्मेंटेड फूड्स का सेवन सेहत के लिए अच्छा माना जाता है खासकर गट हेल्थ के लिए ये फूड फायदेमंद होते हैं। फर्मेंटेड मतलब किण्वित फूड से है जिसमें खमीरा मौजूद होता है। ये फूड स्वाद में खट्टे होते हैं जो इम्युनिटी को स्ट्रांग करते हैं। इसका सेवन करने से पेट के गुड बैक्टीरिया में बढ़ोतरी होती है। इसका सेवन करने से संक्रमण और फ्लू का खतरा कम होता है। विटामिन सी, जिंक और आयरन से भरपूर ये फूड बॉडी को हेल्दी रखते हैं।फर्मेंटेड फूड अगर ठीक तरह से फॉर्मेट नहीं किए जाए तो ये आपको बीमार बना सकते हैं। इडली, डोसा, दही और पनीर ऐसे फूड्स है जिन्हें फर्मेंट करके तैयार किया जाता है। इन फूड्स को अगर जरूरत से ज्यादा फर्मेंट किया जाए तो ये आपकी गट हेल्थ को बिगाड़ सकते हैं।सदगुरु जग्गी वासुदेव के मुताबिक अगर आप इडली को एक सीमा से ज्यादा फर्मेंट करते हैं तो ये अपना खुद का बायोम बना लेता है और आपके बायोम को सहारा नहीं देता। पशु उत्पाद जिसे फर्मेंट किया जाए उसे आमतौर पर नहीं खाना चाहिए। आइए सदगुरु से जानते हैं कि इडली,डोसा,दही और पनीर का सेवन सेहत के लिए किस तरह से भयानक है।आप जानते हैं कि फर्मेंटेड फूड एक हेल्दी इंसान में भी गैस और ब्लोटिंग का कारण बन सकते हैं। इसका कारण यह है कि आप अपने सिस्टम में अधिक रोगाणुओं को शामिल कर रहे हैं ये रोगाणु गैस का उत्पादन करते हैं। फर्मेंटेड प्रोबायोटिक्स से भरपूर फूड्स में किण्वित के दौरान बॉयोजेनिक एमाइन का प्रोडक्शन होता है जो सिरदर्द का कारण बन सकते हैं। ज्यादा फर्मेंटेड फूड अपच का कारण बनते हैं। थोड़ा फर्मेंटेशन आंत के बायोम को बढ़ाता है। खमीर वाले फूड का सेवन आपके कंट्रोल में होना चाहिए।सर्दी में अक्सर लोग बॉडी में कैलोरी इनटेक बढ़ाने के लिए पनीर का ज्यादा सेवन करते हैं। सद्गुरु के मुताबिक पनीर खाने के लिए सबसे भयानक फूड है। अगर आप अपनी नॉलेज बढ़ाने की बात कर रहे हैं तो डाइट पर खास तौर पर ध्यान दें। जो भी भोजन आपके शरीर को भारी और बोझिल बनाता है और उसे पचाने में आपके शरीर को मेहनत करना पड़ती है वो आपके बौद्धिक विकास के लिए अच्छा नहीं है। हमारी बॉडी इस तरह से बनी है जिसमें शरीर को किसी एक गतिविधि को करने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है तो बॉडी की बाकी गतिविधियां स्लो पड़ने लगती है। बॉडी के लिए ये फूड उसी तरह है जैसे आप अपने मोबाइल का इस्तेमाल ढेर सारे गेम खेलने में करते हैं और जब जरूरी फोन करने की बात आती है तो आपके फोन की बैटरी डाउन हो जाती है। इसी तरह ये फूड पचने में सारी मेहनत ले लेते हैं और बॉडी की बाकी क्रियाओं को कमजोर करते हैं।दक्षिण भारत में नाश्ते में इडली का सेवन रोजाना किया जाता है। इस फूड को फॉर्मेट करके बनाया जाता है। ज्यादातर लोगों को नहीं पता कि इडली को कितना फर्मेंट करना है। ये जरूरत से ज्यादा फर्मेंट की जाती है। एक सीमा से ज्यादा फर्मेंट की गई इडली का सेवन आपकी सेहत के लिए घातक है। इस तरह की खमीर वाली चीजें गट हेल्थ को नुकसान पहुंचाती हैं। इडली की तरह ही डोसा भी ज्यादा फर्मेंट करके बनाया जाए तो ये आपकी सेहत को प्रभावित करेगा।दही सेहत के लिए फायदेमंद फूड है जिसे सिर्फ रातभर फर्मेंट किया जाता है। इसका स्वाद खाने में मीठा होना चाहिए। अगर इस तरह का दही है तो आपकी सेहत के लिए फायदेमंद है। दही को एक सीमा से ज्यादा फर्मेंट करने से ये अपना खुद का बायोमोम बना लेता है और आपके बायोम को सहारा नहीं देता। थोड़ा खमीर ऊर्जा बढ़ाता है। ज्यादा फर्मेंट किए गए फूड आपकी बौद्धिक क्षमता को प्रभावित करते हैं। कोई भी पशु उत्पाद जिसे फर्मेंट किया जाए उसे आमतौर पर नहीं खाना चाहिए। गर्मी में दही को फर्मेंट करना चाहते हैं तो 4-5 घंटे फर्मेंट किया गया दही खाएं जबकि सर्दी में 6-8 घंटे फर्मेंट किया गया दही खाएं तभी सेहत को फायदा होगा।

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