155 मेधावियों को पदक और 115827 विद्यार्थियों को मिली उपाधि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा- कोई भी बच्चा स्कूल जाने से वंचित न होने पाए
प्रयागराज राज्यपाल आनंदीबेन पटेल प्रो. राजेंद्र सिंह ‘‘रज्जू भैया’’ विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह में मेधावियों को पदक व उपाधि प्रदान की। दीक्षांत समारोह में 151 विद्यार्थिंयों को 155 पदक और स्नातक, परास्नातक एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के कुल 1,15,827 छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गईं राज्यपाल ने प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को स्कूल बैग, आंगनबाड़ी की कार्यकत्रियों को खेल का सामान व आंगनबाड़ी किट प्रदान किया। इसके साथ विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा, पदक प्राप्त करने में छात्राओं का प्रतिशत दोगुने से अधिक है, जो बेटियों द्वारा की जा रही मेहनत एवं दृढ़ इच्छाशक्ति का परिणाम है। तीर्थनगरी प्रयागराज और संगम के पावन तट पर हो रहे समारोह में भाग लेकर मुझे अपार प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है।
उन्होंने कहा कि बच्चों को संस्कार देने में माताओं का विशेष योगदान होता है। माताएं अपने अनुभव से बच्चों का पालन पोषण करती है और संस्कारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।विश्वविद्यालय की प्रगति के बारे में बताते हुए कहा कि तीन साल पहले यहां पर छह पाठ्यक्रम चलते थे, परंतु आज इस विश्वविद्यालय में 28 पाठ्यक्रम चल रहे है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में तीन साल पहले केवल 200 विद्यार्थी थे, परंतु आज यहां पर 2,500 विद्यार्थी पढ़ रहे है। उन्होंने यह भी कहा कि हमें और प्रयास करना चाहिए आगे यहां पर 5 हजार विद्यार्थिंयों की संख्या होनी चाहिए। पहले यहां पर दो संकाय थे अब यहां पर सात संकाय हैं।पहले विश्वविद्यालय में कोई प्रोजेक्ट नहीं था, परंतु आज यहां पर 18 प्रोजेक्ट चल रहे हैं। पहले महाविद्यालयों की संख्या 565 थी, परंतु आज 703 महाविद्यालय हैं। पहले विश्वविद्यालय में बच्चों की संख्या चार लाख, 30 हजार थी, परंतु अब पांच लाख, 35 हजार विद्यार्थी यहां पढ़ रहे है। विश्वविद्यालय के कैंपस में 35 भवन बन चुके है।उन्होंने कहा कि आप सभी को ऐसा प्रयास करना चाहिए कि विश्वविद्यालय को A++ की श्रेणी प्राप्त हो सके। सरकार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रतिवर्ष एख लाख विद्यार्थिंयों को 10 लाख रूपये ब्याज से मुक्त ऋण उपलब्ध करा रही है, जिससे युवा अपना स्वरोजगार शुरू कर सकते है। इसके अलावा अगले पांच वर्षों में एक करोड़ विद्यार्थिंयों को प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत देश की शीर्ष कम्पनियों में काम करने का अवसर मिलेगा।
राज्यपाल ने कहा, कुछ माह पश्चात् ही प्रयागराज में महाकुंभ मेले का आयोजन होना है, मैं इसके लिए समस्त प्रयागराज वासियों को शुभेच्छाएं देती हूँ कि आप इस भव्य एवं दिव्य आयोजन के साक्षी बने और पुण्य कमाएं। कहा कि उच्च शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य सही मायने में तभी सार्थक माना जाएगा, जब इस देश की नारी सशक्त होगी। उच्च शिक्षा महिलाओं को न केवल ज्ञान और कौशल प्रदान करती है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहने का अवसर भी देती है।राज्यपाल ने कहा कि मजबूत एवं आत्मनिर्भर भारत का निर्माण हमारी वैश्विक सोच के केंद्र में है। आत्मनिर्भरता के लिए स्थानीय संसाधनों, अनुभवों एवं ज्ञान का उपयोग किया जाना चाहिए। स्थानीय संसाधनों का उपयोग करते हुए रिसर्च, इनोवेशन के माध्यम से स्थानीय विकास को बल प्रदान कर आप सभी विद्यार्थीगण अपनी शिक्षा को सही अर्थों में उपयोगी बना सकते हैं। हमें इस बात पर सदैव ध्यान देना है कि हमारी शिक्षा का लाभ, हमारे व्यक्तिगत विकास के साथ-साथ समाज और देश को भी मिले इसके अलावा मॉडल कौशल ऋण योजना के तहत 25 हजार विद्यार्थिंयों को प्रतिवर्ष 7.5 लाख रूपये ऋण उपलब्ध कराने की सुविधा प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि बच्चों को इसरो में जाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। विश्वविद्यालय द्वारा जिला प्रशासन फतेहपुर के साथ संयुक्त रूप से आंगनबाड़ियों के उपयोगार्थ 250 किट प्रदान की गई हैं। आपका यह योगदान आगनबाड़ियों को समर्थ बनाने के महायज्ञ में एक आहूति के समान है। इसका लाभ देश को मजबूत पीढ़ी के रूप में समाज को मिलेगा।
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