Breaking

बुधवार, 14 अगस्त 2024

Lmp. विभाजन के बाद हुई घटनाएं वास्तविकता में देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण- डॉ आरके कोली

लखीमपुर खीरी। जिला पुरुष चिकित्सालय एमसीएच विंग ओयल में बुधवार को विभाजन विभीषिका दिवस को मनाया गया। इस दौरान वक्ताओं द्वारा भारत के विभाजन के दौरान हुई घटनाओं पर विस्तार से उपस्थित जनसमूह को जानकारी दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता सीएमएस डॉ आरके कोली ने की।
इस दौरान उन्होंने बताया कि भारत के विभाजन वास्तव में किसी विभीषिका से कम नहीं था। भारत को स्वतंत्रता मिलने से पहले जिस तरह से  पाकिस्तान का जन्म हुआ। वह निश्चित तौर पर देश के लिए दुर्भाग्य पूर्ण घटना थी। जनहानि के साथ ही बहुत बड़ी तादात में राष्ट्रीय क्षति भी हुई थी, इसे सहज ही बुलाया नहीं जा सकता। ऐसे में इसे याद रख कर हम भविष्य में एकजुटता का परिचय देते हुए देश को और आगे ले जा सकते हैं और देश की अखंडता को और अधिक मजबूत कर सकते हैं। शासन के निर्देशों पर विभाजन विभीषिका दिवस 14 अगस्त को मनाया जा रहा है और स्वास्थ्य विभाग भी इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहा है। इस दौरान डॉ दीपेंद्र गौतम ने विस्तार से भारत के विभाजन के लिए जिम्मेदार लोगों और राजनीतिक गतिविधियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि अंग्रेजों की यह कूटनीतिक चाल इसलिए भी सफल हो गई, क्योंकि देश में उस दौरान राजनीतिक अस्थिरता थी। ऐसे में हमारे देश का एक अंग हमसे अलग हो गया। उन्होंने पाकिस्तान के जनक जिन्ना की गतिविधियों को लेकर कहा कि तृतीय विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजों ने भारतीयों से जब अपनी ओर से लड़ने को कहा तो कांग्रेस नेतृत्व ने ऐसा करने पर देश को स्वतंत्र करने की शर्त रखी, परंतु जिन्ना ने इसका फायदा उठाते हुए अंग्रेजों से हाथ मिला लिया और उसके बाद एक विशेष समुदाय में अपनी पकड़ बना ली। जिसके फल स्वरुप कुछ ही समय में जिन्ना का कद बढ़ गया और पाकिस्तान का जन्म हुआ। 10 लाख से ज्यादा हिंदू-मुस्लिम दंगों के दौरान मारे गए और करोड़ों रुपए की राष्ट्रीय क्षति हुई। कार्यक्रम में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ आरपी वर्मा, चिकित्सालय अधीक्षक डॉ एसपी मिश्रा, डॉ हर्ष देव भारती, डॉ शिखर बाजपेई, डॉ अरविंद दीक्षित, डॉ रवि, महंत सिंह, रजनी मसीह, देवनंदन श्रीवास्तव, मनोज मौर्य, पंकज शुक्ला, रामजी माथुर, अंजू कनौजिया सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Comments