कोलकाता 11 अगस्त। राष्ट्रीय कवि संगम दक्षिण हावड़ा जिला ईकाई द्वारा खुदीराम बोस के बलिदान दिवस की पूर्व संध्या पर उनकी पुण्यतिथि मनाई गयी जिसने अपने साहस एवं शौर्य से क्रांति की चिंगारी को गति दी थी और काकोरी एक्शन के वीर शहीदों को नमन करने हेतु एक आनलाइन काव्य संध्या का आयोजन राष्ट्रीय कवि संगम पश्चिम बंगाल के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ गिरिधर राय की अध्यक्षता में किया गया।
कार्यक्रम का संयोजन दक्षिण हावड़ा की अध्यक्ष हिमाद्रि मिश्रा और स्वागता बसु ने किया। मंच का कुशल संचालन जिला महामंत्री नीलम झा ने किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ हिमाद्रि मिश्रा की सरस्वती वंदना एवं अतिथियों के स्वागत के साथ हुआ। रचनाकारों में विजय ईस्सर ने अपनी कविता- काकोरी काण्ड नहीं वीरों का कारनामा था, की प्रस्तुति देकर समा बांधा। भारती मिश्रा ने मंगल पाण्डे पर एक ओज पूर्ण गीत सुनाया। रंजना झा ने जगो-जगो हे भारतवासी कविता सुनाकर लोगों को जगाने की कोशिश की । आलोक चौधरी ने खुदीराम बोस की फांसी वाली घटना सुनाकर श्रोताओं को भावुक कर। श्रीमती नीलम मिश्रा ने दिनकर जी की कविता कलम आज उनकी जय बोल का पाठ किया। स्वागता बसु ने अपनी नव सृजित एक वीर रस की कविता सुनाई जिसने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया । हिमाद्रि मिश्रा की- मन करता है केसर बन कर धरती को केसरिया कर दूँ , ने खूब तालियां बटोरी । नीलम झा ने काकोरी की ऐतिहासिक घटना और उसके कारण शहीदों को दी जाने वाली फांसी की जानकारी देते हुए कविता सुनाई जिसे सुनकर श्रोताओं के रोंगटे खड़े हुए। मेनका ठाकुर ने काकोरी के शहीदों को अपने काव्य सुमन अर्पित किए । प्रांतीय उपाध्यक्ष श्यामा सिंह कार्यकर्ताओं की सराहना की। प्रांतीय अध्यक्ष डॉ गिरिधर रॉय ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए काकोरी एक्शन और खुदीराम बोस दोनों पर ही बड़ी प्रासंगिक और ओजपूर्ण कविताएं सुनाई। श्रोताओं में श्रीमती सुषमा राय पटेल, अनिल ओझा, उषा झा, कृष्णानंद मिश्र उपस्थित रहे। नीलम मिश्र के धन्यवाद ज्ञापन के साथ इस वीर रस से ओत-प्रोत एक सार्थक कार्यक्रम का समापन हुआ ।
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