लखीमपुर खीरी। विकास भवन में कार्यक्रम के दौरान तैनात कर्मचारियों को सीडीओ अभिषेक कुमार द्वारा फाइलेरिया की दवा अपने समक्ष खिलावाई गई, साथ ही उन्होंने भी फाइलेरिया की दवा का सेवन किया। फाइलेरिया को लेकर जागरूकता फैलाने के भी बारे में बताया। इस दौरान उन्होंने बताया कि फाइलेरिया की दवा लगातार तीन वर्ष तक खाने से जीवन भर फाइलेरिया नहीं होता है।
विकास भवन स्थित सभागार में सोमवार को फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के अंतर्गत एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन सीडीओ अभिषेक कुमार के अध्यक्षता में हुआ। इस दौरान उन्होंने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के अन्तर्गत जनपद में एमडीए/आईडीए कार्यक्रम दिनांक 10 अगस्त 2024 से 2 सितम्बर 2024 तक संचालित किया जा रहा है। जिसमें सोमवार, मंगलवार, गुरूवार व शुक्रवार को एक वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों तथा महिला एवं पुरूषों को आशा एवं फ्रंटलाइन वर्कर्स के माध्यम से घर-घर जाकर फाइलेरिया रोग की दवा खिलाई जायेगी। फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के अन्तर्गत जनपद में एमडीए/आईडीए कार्यक्रम चलाया जायेगा। फाइलेरिया रोग क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाला एक तरह का संक्रामक रोग है, जिसे हाथी पांव/एलीफैन्टेसियासिस के नाम से भी जाना जाता है। जिनके लक्षण पैरो में सूजन, हाथ में सूजन, पुरूषों में हाइड्रोसील व महिलाओ के स्तनो में सूजन होती है। जिला मलेरिया अधिकारी हरिशंकर वर्मा ने बताया कि विगत वर्ष में 2890 रोगी जनपद में पाये गये, जिसे देखते हुये इस वर्ष इसकी रोकथाम के लिये कार्यक्रम के शुरूआत से पहले मीडिया कार्यशाला का आयोजन व्यापक प्रचार प्रसार के लिये किया गया है। आईडीए 2024 जनपद के 10 ब्लाकों नकहा, बेहजम, फरधान, फूलबेहड़, रमियाबेहड़, पलिया, कुम्भी (गोला) एवं धौरहरा में संचालित किया जाना है। जिन पांच ब्लाकों में आईडीए संचालित नहीं किया जा रहा है, वहां सीएचसी पर बूथ लगाकर दवा का सेवन कराया जायेगा नगरीय क्षेत्र में 06 टीमें सार्वजनिक स्थानों पर एवं समस्त राजकीय एवं गैर सरकारी कार्यालयों में बूथ लगाकर दवा का सेवन करायेगी। प्रत्येक घर में 10 दिनों के भीतर दो सदस्यीय 2091 टीमें भ्रमण करेंगी। वहीं 603 पर्यवेक्षकों द्वारा टीमों का सुपरविजन किया जायेगा। फाइलेरिया की दवा में आइवरमेक्टीन एवं अलबेन्डाजोल टैबलेट शामिल हैं, जो पूरी तरह से सुरक्षित है। इस बैठक में डीडीओ दिनकर विद्यार्थी, डीपीओ भरत प्रसाद, डीपीआर विशाल सिंह सहित विकास भवन में कार्यरत 70 अधिकारी और कर्मचारी फाइलेरिया की दवा का सेवन किया।
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