गाजियाबाद के इंटीरियर डिजाइनर तरुण पवार मर्डर केस में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस ने इस मामले में 3 आरोपियों को अरेस्ट किया है, वहीं अन्य छह आरोपी अब भी फरार हैं।पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपियों में से एक महिला भी शामिल है, जो इंटीरियर डिजाइनर की प्रेमिका थी। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि तरुण की हत्या के बाद उसकी लाश के साथ 12 घंटे तक कमरे में बैठे रहे. फिर योजना बना कर उसके शरीर के टुकड़े किए और ठिकाने लगा दिये. इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी पवन है, जिसने जुर्म कबूल कर लिया है।तरुण की प्रेमिका अंजलि का पवन के साथ भी अफेयर था। पूछताछ में पवन ने बताया कि वह अंजलि के लिए कुछ भी कर सकता है। आरोपी ने पुलिस को यह भी बताया उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर तरुण के मृत शरीर के टुकड़े-टुकड़े किए, जिन्हें बाद में नहर में बहा दिया था. पुलिस नहर में लाश के टुकड़ों की तलाश कर रही है. पुलिस को शव के दाहिने पैर का एक टुकड़ा भी मिल गया है।इंटीरियर डिजाइनर के पिता रविंद्र सिंह ने बेटे की गुमशुदगी की एक तहरीर थाने में दी थी. पुलिस को बताया था कि वह राजनगर एक्सटेंशन की सृष्टि सोसाइटी के एक अपार्टमेंट में बने एक फ्लेट मे रहते हैं. उनका बेटा 16 अगस्त को घर से काम के लिए घर से निकला था, लेकिन देर रात तक वापस नहीं लौटा. परिवार को आशंका हुई कि उनके बेटे का किसी ने अपहरण कर लिया है। पिता की शिकायत पर पुलिस ने तत्काल एक्शन लिया और 20 अगस्त को पुलिस ने गाजियाबाद के यशोदा हॉस्पिटल नेहरू नगर की पार्किंग में से तरुण पवार की खड़ी गाड़ी को बरामद कर लिया।गाड़ी बरामद करने के बाद पुलिस ने यशोदा हॉस्पिटल की पार्किंग के सीसीटीवी कैमरे खंगालने शुरू किए, जिसमें उन्हें दो संदिग्ध आरोपी नजर आए। पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की. पुलिस को पहले तो दोनों आरोपियों ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया, लेकिन पुलिस की सख्त पूछताछ में दोनों टूट गए और उन्होंने तरुण के अपहरण से लेकर हत्या तक की पूरी कहानी पुलिस को सुना दी। एक आरोपी ने पुलिस को बताया कि अंजलि और पवन के कहने पर इस हत्या की प्लानिंग की थी. इस वारदात को अंजाम देने के लिए अंजलि का जीजा अक्षय, मनोज, जीते, अंकुर, दीपांशु और अंकित एक साथ इकट्ठा हुए थे।
हैरान करने वाली बात तो यह है कि तरुण, पवन के अलावा अंजलि और भी लोगों से बात करती थी. जीजा अक्षय से भी अफेयर की बात सामने आ रही है। आरोपियों ने फर्जी आईडी पर एक सिम कार्ड और एक मोबाइल खरीदा, फिर पवन ने कॉल करके तरुण को इंटीरियर डिजाइनिंग के काम के विषय में बात करने के लिए बुलाया. लेकिन उस दिन आने से तरुण ने मना कर दिया और 16 तारीख को आने की बात कही. फिर उसे प्लान के अनुसार, कमरे पर बुलाया गया. वहां से सभी आरोपी प्लानिंग के अनुसार उसे मधुबन बापूधाम में रहने वाले मनोज के घर ले गए।जैसे ही तरुण उसके घर पहुंचा, पहले से मौजूद सभी आरोपियों ने उसे पीटना शुरू कर दिया. पीटने के बाद उसे रस्सी से बांध दिया गया. लगभग 2 घंटे तक उसकी पिटाई करते रहे. जब वह मारपीट से बेहोश हो गया, तब उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। पुलिस ने बताया कि आरोपी दीपांशु ने तरुण के सिर पर डंडे से प्रहार किया था, जिसके बाद वह बेहोश हो गया था।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Post Comments