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शुक्रवार, 9 अगस्त 2024

अगले साल जनवरी 2025 में होगा कुंभ मेले का आयोजन, महाकुंभ में बनेगा संस्कृति ग्राम

"अगले साल जनवरी 2025 में होगा कुंभ मेले का आयोजन, महाकुंभ में बनेगा संस्कृति ग्राम, जानें और क्या हो रहा है खास"
 
प्रयागराज अगले साल जनवरी में प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ को भव्य बनाने की तैयारियां योगी सरकार ने तेज कर दी है। इस कड़ी में यहां आध्यात्म व संस्कृति के मेगा शो केस के तौर पर संस्कृति ग्राम बसाया जाएगा। 5 एकड़ में बसने वाले इस ग्राम में 45 दिनों तक विभिन्न आयोजन चलेंगे जिसमें सनातन परंपरा की झलक श्रद्धालुओं को देखने को मिलेगी। संस्कृति ग्राम में ऑग्मेंटेड रियलिटी(एआर) व वर्चुअल रियलिटी (वीआर) के जरिए महाकुंभ के विभिन्न सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक पहलुओं को दर्शाया जाएगा। मेला क्षेत्र में 30 भव्य थीम आधारित गेट का भी निर्माण होगा जो कि त्रिशूल, स्वास्तिक, कल्पवृक्ष, डमरू समेत विभिन्न आध्यात्मिक संकल्पनाओं पर आधारित होगा।महाकुंभ में दुनिया के 75 देशों से 25 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। इसलिए इसे यूपी की भव्य ब्रैंड के मौके के तौर पर देखा जा रहा है। यही कारण है कि बुनियादी सुविधाओं के साथ ही उत्सव का रंग भी गाढ़ा करने की तैयारी है। संस्कृति ग्राम के लिए एजेंसी के चयन की प्रक्रिया पर्यटन विभाग ने शुरू कर दी है। संस्कृति ग्राम में 20 स्टॉल भी प्रदर्शित किए जाएंगे, जिसमें स्थानीय हस्तकला व शिल्प को तरजीह दी जाएगी। संस्कृति ग्राम को ऑग्मेंटेड रियलिटी वर्चुअल रिएलिटी का हब भी बनाया जाएगा। यहां महाकुंभ के पौराणिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्व को दर्शाया जाएगा। विभिन्न कालखंडों में महाकुंभ की यात्रा को इन माध्यमों से शोकेस किया जाएगा। संस्कृति ग्राम विभिन्न जोन में बंटा होगा, जिसमें प्राचीन संस्कृति, पौराणिक कथाओं, ऐतिहासिक अभिलेख, ज्योतिष, कला एवं संवाद के अलग-अलग जोन होंगे।
कन्नौज के राजा हर्षवर्धन के कुंभ में अपनी समस्त संपत्ति की दान किए जाने की कथाएं मिलती हैं। संस्कृति ग्राम में इसका भी चित्रण मिलेगा। कुंभ से जुड़े सभी स्थलों की विशेषता, उनके ऐतिहासिक व सांस्कृतिक संदर्भ को 360 डिग्री वर्चुअल अनुभव, इंटरैक्टिव कियोस्क व मल्टीमीडिया डिस्प्ले के जरिए जाना जा सकेगा। प्रदर्शनी स्थल पर वेद, पुराण और चरक संहिता व प्राचीन ज्योतिष शास्त्रों को उल्लेख किया जाएगा।
इस दौरान भारत के प्राचीन विश्वविद्यालयों का भी जिक्र किया जाएगा। वहीं, मेन स्टेज पर शास्त्रीय व लोकनृत्य, संगीत की प्रतिदिन विशिष्ट प्रस्तुतियां होंगी। इसके अतिरिक्त, नाटक, फूड स्टॉल्स, कुकिंग, क्राफ्ट वर्कशॉप व डांस-म्यूजिक वर्कशॉप का आयोजन किया जाएगा। विजिटर्स के लिए सूचना केंद्र व गाइडेड टूर की सुविधा भी होगी।
महाकुंभ मेला क्षेत्र में उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग 30 भव्य द्वारों का निर्माण कराएगा। इनके नाम महाकुंभ लोगो द्वार, त्रिशूल द्वार, स्वास्तिक द्वार, डमरू द्वार, शंख द्वार, महाकुंभ 2025 द्वार, सूर्य द्वार, देव दल द्वार, कमल द्वार, गदा द्वार, धनुष द्वार, गंगा द्वार, कौस्तुभ द्वार, कामधेनु द्वार, लक्ष्मी द्वार, ओम द्वार, नंदी द्वार, संगम द्वार, नाग वासुकी द्वार, शिवलिंग द्वार, चंद्र द्वार, कलश द्वार, सुदर्शन चक्र द्वार, 14 रत्न कथा द्वार, ऐरावत द्वार, कच्छप द्वार, कल्पवृक्ष द्वार, समुद्र मंथन द्वार, रुद्राक्ष द्वार व अश्व द्वार हैं। इन सभी द्वारों पर सेल्फी पॉइंट, लैंप पोस्ट व पोर्टेबल टूरिस्ट इंफॉर्मेशन सेंटर का निर्माण किया जाएगा। इन सभी द्वारों को थीम के अनुरूप निर्मित किया जाएगा, जो इनके महत्व को दर्शाने के साथ ही पर्यटकों के लिए आकर्षण का भी केंद्र होगा।

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