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बुधवार, 31 जुलाई 2024

सीडीओ के अध्यक्षता में हुई जनपदीय खरीफ गोष्ठी, किसानों को दी लाभकारी जानकारी

*वैज्ञानिकों को सुझाए बेहतर खेती के गुर, साझा की जानकारी*

*गोष्ठी में किसानों को बाटी गई "श्री अन्न की मिनी किट"*

लखीमपुर खीरी 31 जुलाई। बुधवार को कलेक्ट्रेट में सीडीओ अभिषेक कुमार की अध्यक्षता में जिला स्तरीय खरीफ गोष्ठी का आयोजन हुआ, जिसमें कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को लाभकारी खेती करने के लिए उपयोगी जानकारी दी। गोष्ठी में मुख्य रूप से ब्लॉक प्रमुख बेहजम/नकहा/मोहम्मदी तथा जिला पंचायत सदस्य ने प्रतिभाग किया।

सीडीओ अभिषेक कुमार ने उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों के हितों को संरक्षित करने के लिए शासन- प्रशासन करते संकल्पित होकर काम कर रहा। इसके लिए केंद्र एवं प्रदेश सरकार किसानपरक योजनाओं के जरिए उन्हें समृद्ध बनाने के लिए नित नए कदम उठा रही है। उन्होंने जिले में स्थापित हाईटेक नर्सरी के उपयोग करने का अनुरोध किया, जहां से किसान भाई अपनी सब्जी की खेती के लिए पौध कम कीमत पर तैयार करवा सकते हैं। साथ ही कृषक उत्पादक संगठनों से निर्यात की दृष्टि से उपयोगी औद्यानिक फसलों के उत्पादन का संस्करण पैकेजिंग आदि करके किसानों की आय बढ़ानें पर कार्य करने की आवश्यकता पर जोर दिया। 

सीडीओ ने किसान भाइयों से अनुरोध किया कि गोष्ठी में प्राप्त जानकारी को न केवल स्वयं अपनाएंगे व आसपास के अपने जानने वाले किसानों तक भी तकनीक को पहुंचाने का प्रयास करेंगे। उपस्थित किसानों को श्री अन्न जैसे सावां, कोदो तथा रागी के मिनी किट भी वितरित किये गये। 

खरीफ उत्पादकता गोष्ठी का संचालन डीडी कृषि ने किया। कृषि वैज्ञानिक डॉ पीके बिसेन ने खरीफ की फसलों के संबंध में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई। किसानों को फसल बीमा, प्राकृतिक खेती तथा आईपीएम (समनवित नाशी जीव प्रबन्धन) विधि से कीड़े, बीमारियों की रोकथाम के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई।

अन्त में डीडी कृषि अरविंद मोहन मिश्र ने उपस्थित सभी जिला स्तरीय अधिकारियों ,जन प्रतिनिधियों, किसान भाईयो धन्यवाद ज्ञापित किया। इस दौरान उन्होंने किसानों से वैज्ञानिक विधि से खेती कर अधिक उपज प्राप्त करने की सलाह दी। गोष्ठी में जिला कृषि अधिकारी अरविंद चौधरी, पीपीओ, एलडीएम, डीटीएम नाबार्ड, डीएचओ, सचिव मंडी, एई लघु सिंचाई तथा अन्य विभिन्न विभागों के अधिकारियों, कृषि विज्ञान केंद्र मझरा/जमुनाबाद गोला के वैज्ञानिकों ने प्रतिभाग किया एवं कृषक उत्पादक संगठनों के प्रतिनिधि, किसान भाई, बहनों ने भी प्रतिभाग किया।

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