इंदौर। पश्चिम रेलवे ने पिछले महीने ही अपने सभी टिकट चेकिंग स्क्वाड को खत्म कर ट्रेनों में चेकिंग के लिए लगा दिया है। दरअसल वर्षों पहले बने रेलवे यात्रा संबंधी नियमों को सख्ती से लागू करने के लिए टिकट चेकिंग स्टाफ ट्रेनों में भेजा जा रहा है। ट्रेनों के स्लीपर और एसी क्लास में सिर्फ वे ही यात्री सफर करें, जिनके पास कंफर्म टिकट है। वेटिंग टिकट के साथ सफर किया तो पेनल्टी के साथ ही आगामी स्टेशन पर उतरना होगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि इन श्रेणी में यात्रा करने वाले यात्रियों को किसी तरह की परेशानी न हो, लेकिन इस सख्ती का उल्टा असर हो रहा है। पिछले कुछ दिनों में यात्री सुविधाओं को लेकर 36 फीसदी शिकायतें बढ़ गई हैं। अब तक विशेष श्रेणी का वेटिंग काउंटर टिकट लेकर रेल यात्री सफर कर लेते हैं। साथ ही एक पीएनआर पर एक सीट कंफर्म होने पर वेटिंग के सभी अन्य यात्री भी सफर कर लेते थे। इस कारण स्लीपर और एसी कोच में तय सीट के मुकाबले अधिक यात्री हो जाते थे। यात्री सुविधाओं और सुरक्षा को लेकर रेलवे ने 18 जून को चेकिंग स्क्वाड बंद कर टिकट चेकिंग से जुड़े स्टाफ को ट्रेनों में चेकिंग के लिए लगा दिया है। होना यह चाहिए था कि टिकट चेकिंग स्टाफ बिना कंफर्म टिकट के यात्रा कर रहे लोगों को आगामी स्टेशन पर उतार दे। ताकि संबंधी कोच में सीट के अनुसार ही यात्री आराम से सफर कर सकें, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।ट्रेनों में वेटिंग और जनरल की टिकट लेकर स्लीपर और एसी कोच में सफर करने पर अब पेनल्टी भरनी होगी।एसी कोच में वेटिंग टिकट पर सफर करने पर 440 रुपये की पेनल्टी और अगले स्टेशन का किराया भी देना होगा।स्लीपर कोच में वेटिंग टिकट पर सफर करने पर 250 रुपये की पेनल्टी के साथ आगामी स्टेशन तक का किराया देना होगा।
जनरल का टिकट लेकर एसी कोच में सफर करने पर हायर ट्रेवल्स टिकट की रसीद बनती थी, जिसे अब बंद किया गया।रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में मालवा एक्स. की क्लोन ट्रेन सप्ताह में तीन दिन चल रही है। इस ट्रेन को नियमित करने के लिए रतलाम मंडल द्वारा रेलवे बोर्ड को पत्र लिखा है। पीआरओ शर्मा ने बताया कि कंफर्म टिकट लेकर ही यात्रा करने को लेकर सोमवार से प्लेटफार्म पर अनाउंसमेंट भी किया जाएगा।यात्रियों की सुविधाओं और सुरक्षा को ध्यान में रखकर सख्ती बढ़ा दी गई है। टिकट चेकिंग स्टाफ के साथ ही आरपीएफ बल को भी ट्रेनों में भेजा जा रहा है। अब स्लीपर और एसी कोच में कंफर्म टिकट लेकर ही यात्रा की जा सकती है। आगामी दो साल में 10 हजार नान-एसी कोचों के उत्पादन किया जाएगा। इसमें पांच हजार 300 से अधिक जनरल कोच भी शामिल हैं। इसके बाद लंबी दूरी की ट्रेनों में यात्रियों को आसानी कंफर्म टिकट मिल जाएगा। प्रदीप शर्मा, पीआरओ, रतलाम मंडल रेलवे ने बिना तैयारी के लिए अभियान को शुरू कर दिया है। स्लीपर कोच में भीड़ अधिक होने पर टिकट चेकिंग स्टाफ द्वारा अनधिकृत रूप से सफर करने वाले यात्रियों को अंतिम स्लीपर कोच तक ले जाया जाता है। क्योंकि कई जगह ट्रेन का स्टाप दो मिनट का ही होता है। ऐसे में अंतिम स्लीपर कोच में इतने यात्री हो जाते हैं कि पैर रखने की जगह नहीं होती है। ऐसे में स्टाफ पेनल्टी भी नहीं लगा पाते हैं। इधर इस कोच में यात्री परेशान हो जाते हैं। साथ ही जनरल कोच शुरुआती स्टेशन पर ही फुल हो जाता है, ऐसे में अधिकांश अनधिकृत यात्रियों को बीच स्टेशन पर ही उतरना पड़ता है।
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