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गुरुवार, 25 जुलाई 2024

बाकेगंज ( खीरी) : सड़क दुर्घटना में युवक की हुई मौत, पुलिस की कार्यप्रणाली बनी चर्चा का विषय

बांकेगंज। सड़क दुर्घटना में युवक की मौत से आक्रोशित परिजनों ने संस्कार रोककर पुलिस चौकी पर हंगामा किया जो एफआईआर कॉपी पानी के बाद माने। मृतक अपने परिवार का इकलौता चिराग था । बेसहारा हो चुकी मां और पत्नी का रो रोकर बुरा हाल है। इस मामले में चौकी पुलिस के कार्य प्रणाली क्षेत्र के लोगों में चर्चा का विषय बन गई है।

       घटना बीती रात 9:30 बजे की है। बांकेगंज हाइडल के निकट पीछे से आ रही ऑल्टो कार ने आगे जा रहे बाइक सवार युवक को जोरदार टक्कर मार दी और वह उछलकर दूर जा गिरा।  सूचना पर मौके पर पहुँची कुकरा और बांकेगंज पुलिस ने युवक का निरीक्षण किया। इस बीच युवक के फोन पर बहन की आयी कॉल को रिसीव कर थाना मैलानी की पुलिस चौकी कुकरा प्रभारी कृष्ण कुमार यादव ने दुर्घटना की जानकारी दी। 

             मृतक अवनीश कुमार फाइल फोटो 

इससे युवक की शिनाख्त क्षेत्र के ग्राम अहिरनपुर निवासी अवनीश कुमार 30 पुत्र छोटेलाल के रूप में हुई। वही घबराई बहन ने तत्काल गांव फोन करके जानकारी दी तो घटनास्थल के लिए गांव के लोग पहुंचने लगे इस मध्य किसी बवाल की आशंका से आशंकित पुलिस ने आनन फानन में वाहन की स्वयं व्यवस्था कर पोस्टमार्टम हाउस लखीमपुर के लिए रवाना कर दिया। मृतक के चचेरे भाई दिलीप यादव ने बताया कि अवनीश खंजनपुर स्थित पेट्रोल पंप से कार्य करके घर वापस आ रहा था। जब ग्रामीणों परिजनों ने बिना जानकारी दिये पोस्टमार्टम हाउस भेजे जाने का विरोध किया तब पुलिस ने उनसे कहा कि पंचनामा पुलिस चौकी में भरा जाएगा आप लोग वहीं चलिए। ग्रामीण पुलिस चौकी बांकेगंज आ गए। करीब 2 घंटे तक ग्रामीण   हंगामा काटते रहे परंतु शव नहीं आया। मैलानी इंस्पेक्टर तथा संसारपुर पुलिस चौकी के सिपाही जरूर आ गए। पुलिस किसी तरह परिजनों को समझाने में सफल रही। करीब एक बजे हंगामा बंद हुआ। पुलिस ऑटो और बाइक को पुलिस चौकी बांकेगंज ले आई।
  परिजनों का मलाल है कि पुलिस ने जल्दबाजी में शव को पोस्टमार्टम हाउस लखीमपुर कैसे भेज दिया। जबकि लगभग एक किलोमीटर दूर स्थित सरकारी अस्पताल के डॉक्टर को दिखाया तक नहीं गया। उन्हें संदेह है कि गंभीर घायल युवक की तब तक कुछ सांसे बाकी हो इस बाबत कुकरा चौकी इंचार्ज कृष्ण कुमार का कहना है कि उन्होंने भली प्रकार से मृतक के शरीर का निरीक्षण परीक्षण कर लिया था। उस समय उसकी मृत्यु हो चुकी थी उन्होंने स्वयं लखीमपुर भिजवाने की व्यवस्था मानवीय आधार पर अपनी तरफ से की थी। हमारी कोई दुर्भावना नहीं है।
     अगले दिन पोस्टमार्टम के बाद पहुंचे शव को देखकर परिजन और परिवार में शेष बची पत्नी और बूढ़ी मां पछाड़े खाकर गिर पड़ी। उनका कहना था कि वह एकमात्र परिवार चलाने का सहारा था। उसके अचानक इस तरह दुर्घटना का शिकार हो जाने से वे लोग बेसहारा हो गए हैं। ग्रामीणों ने पुलिस पर वाहन चालक को बचाने का संदेह जताते हुए उसका संस्कार रोककर पुलिस चौकी जा घेरी और एफआईआर की कॉपी मांगी। पुलिस द्वारा उनके मोबाइल पर एफआईआर की कॉपी भेजे जाने के बाद वे संस्कार करने को वापस चले गए।
  कार द्वारा बाइक सवार युवक को कुचले जाने के बाद तात्कालिक तौर पर स्थानीय मैलानी पुलिस की कार्यप्रणाली पर गहरे सवाल उठा गये हैं। कई लोग उनकी संवेदनशीलता पर प्रश्न चिन्ह लगाते हैं लोगों का कहना है घायल युवक को तत्काल एक किलोमीटर दूर स्थित अस्पताल लाया जाना था जहां डॉक्टर ही उसके जीवित अथवा मृत होने का सही फैसला कर सकते थे। आखिरकार चौकी पुलिस द्वारा जरूरत से ज्यादा तेजी दिखाकर बिना परिजनों के लखीमपुर पोस्टमार्टम हाउस भेजना उनकी कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लगाती है या तो उन्हें ऐसी स्थिति में उन्हें उठाये जाने वाले कदमों की जानकारी नहीं है अथवा जानबूझकर बरती गई लापरवाही है। हालांकि पुलिस का कहना है कि उन्होंने पूरी प्रक्रिया का पालन किया है और वाहनों को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है

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