● प्रभारी डीएम ने ली जनपदीय अंतर विभागीय समन्वय समिति की बैठक, दिए निर्देश
● संचारी रोग, दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण, त्वरित-सही उपचार सर्वोच्च प्राथमिकता : डीएम
● 01-31 जुलाई तक चलेगा संचारी रोग नियंत्रण अभियान
● 11-31 जुलाई तक चलेगा दस्तक अभियान
लखीमपुर खीरी 22 जून। विशेष संचारी रोग नियंत्रण, दस्तक अभियान, संचारी रोगों, दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण एवं कार्यवाही के लिए शनिवार को प्रभारी डीएम अनिल कुमार सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट में जनपदीय अंतर विभागीय समन्वय बैठक हुई।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रभारी डीएम अनिल कुमार सिंह ने कहा कि संचारी रोगों, दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण एवं इसके त्वरित एवं सही उपचार सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। संचारी रोग नियंत्रण अभियान एक जुलाई से 31 जुलाई एवं दस्तक अभियान 11 से 31 जुलाई के मध्य प्रस्तावित है।
डीएम ने कहा कि जिलभर में तहसील, ब्लॉक, ग्राम स्तर पर व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाया जाए, आमजन को बताएं कि मच्छर जनित एवं संचारी रोगों से बचने के लिए क्या करें और क्या न करें। सभी एमओआईसी एसडीएम से समन्वय कर अभियान का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कराएं। डीआईओएस-बीएसए को निर्देश दिए कि बच्चों को स्कूलों में लार्वा पनपने के स्रोतों की न केवल जानकारी दी जाए बल्कि उनके मध्य प्रतियोगिता भी कराई जाए। सभी मलेरिया निरीक्षकों को फील्ड में एक्टिवेट किया जाए। सभी हाई रिस्क गांव में युद्ध स्तर पर स्वच्छता अभियान चलाए। जिसे रैंडम चेक भी करें।
डीएम ने निर्देश दिए कि अभियान में आशा-आंगनबाड़ी साथ मे अनिवार्य रूप से भ्रमण करे, यह प्रत्येक दशा में सुनिश्चित कराया जाए। शहरी- ग्रामीण क्षेत्र में फागिग व एंटीलार्वा एक्टिविटी बढ़ाएं। हैंडपंप के आसपास जलजमाव ना हो, वही हैंडपंप से डेढ़ मीटर दूरी तक नाली बनवाए। सुपरक्लोरिनेशन के साथ पेयजल की सप्लाई सुनिश्चित करें। आशा-एएनएम फील्ड में सक्रियता से काम करें। डीएम ने विभागीय अधिकारियों से जनसंपर्क एवं जन जागरण, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, वेक्टर कंट्रोल, वातावरणीय स्वच्छता सहित विभिन्न बिंदुओं पर बिंदुवार समीक्षा की और जरूरी दिशा निर्देश दिए।
सीएमओ डॉ संतोष गुप्ता ने अभियान की आवश्यकता-प्रासंगिकता बताई। अभियान के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के टिप्स दिए। अभियान की मानिटरिंग की बारीकियों भी बताया। 01 जुलाई से 31 अगस्त के मध्य "स्टॉप डायरिया कैम्पेन" के अन्तर्गत फ्रंटलाइन वर्कर्स द्वारा " दस्तक अभियान" में अपने साथ ओआरएस पैकेट एवं जिंक की गोलियां रखेंगी तथा आवश्यकता पड़ने पर पीड़ित को तत्काल उपलब्ध कराया जाए।मलेरिया विभाग के कार्यकर्ता क्षेत्रवार योजना बनाते हुए गत वर्ष में मच्छर जनित रोगों के आंकड़ों के आधार पर चयनित हाईरिस्क क्षेत्रों में वेक्टर घनत्व का आकलन भी करेंगे।
डीएमओ डॉ हरिशंकर ने बताया कि संचारी रोगों तथा दिमागी बुखार पर सफलतापूर्वक नियंत्रण पाने के लिए इस विषय पर एक संपूर्ण सोच के साथ संबंधित विभागों के मध्य उचित समन्वय होना जरूरी है। उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, नगर विकास, पंचायती राज, ग्राम्य विकास, पशुपालन, बाल विकास एवं पुष्टाहार, शिक्षा, दिव्यांगजन सशक्तिकरण, कृषि एवं सिंचाई, सूचना, उद्यान विभाग के निर्धारित उत्तरदायित्व बताएं, अपेक्षित सहयोग किए जाने की अपेक्षा की।
बैठक में अभियान की पाटनर एजेंसी यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ व पाथ के प्रतिनिधियों ने पीपीटी के माध्यम से अभियान के सफल क्रियान्वयन हेतु आशा, एएनएम के गुणवत्तायुक्त भ्रमण, मॉनिटरिंग कवरेज प्रस्तुतीकरण दिया। बैठक में सीएमएस डॉ कोली, एसीएमओ, डिप्टी सीएमओ, एमओआईसी, डीपीओ भारत प्रसाद, डीपीएम अनिल यादव सहित अन्य संबंधित विभागों के जिलास्तरीय अधिकारी, बीडीओ, ईओ मौजूद रहे।
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