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गुरुवार, 30 मई 2024

गोलागोकर्णनाथ / प्रेस जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया ने हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर किया गोष्ठी का आयोजन


 
● पत्रकारों को तथ्यपरक खबरों को ध्यान केंद्रित करने की जरूरत : एसडीएम

● आधुनिक भारत के निर्माण में हिन्दी पत्रकारिता की अहम भूमिका : विजय शुक्ला रिंकू

बांकेगंज खीरी। प्रेस जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया द्वारा हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर श्प्रिंट मीडिया की वर्तमान स्थिति और सोशल मीडिया की चुनौतीश् विषयक विचार गोष्ठी नगर के वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित हुई। जिसमें सोशल मीडिया के युग में प्रिंट मीडिया के सामने आ रही चुनौतियों से निपटने पर चर्चा की गई।

मुख्य अतिथि एसडीएम रत्नाकर मिश्र ने कहा कि वर्तमान में सोशल मीडिया के कारण मीडिया के क्षेत्र में बृहद बदलाव आया है, लेकिन इसके बावजूद पत्र-पत्रिकाओं का आज भी विशेष महत्व है। पुराने समय में पत्रकारिता एक मिशन थी, लेकिन अब इसके स्वरूप में बदलाव आया है। पत्रकारों को तथ्यपरक खबरों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। 

विशिष्ट अतिथि प्रभारी निरीक्षक इन्द्रजीत सिंह ने कहा कि आज भी प्रिंट मीडिया का उतना ही महत्व है, जितना पहले था। आज भी लोग सुबह सबसे पहले अखबार पढ़ते हैं। मीडिया समाज के माइंडसेट को बदलने की क्षमता रखता है। 

विशिष्ट अतिथि तहसीलदार सुखवीर सिंह ने कहा कि मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है, जिस तरह से प्रशासन की अपनी सीमाएं हैं, उसी तरह मीडिया की भी अपनी सीमाएं हैं। मीडिया जिम्मेदारी को समझे। मीडिया के समक्ष सही चीजों को समाज के सामने सही तरीके से रखने की चुनौती है।

विशिष्ट अतिथि पालिकाध्यक्ष विजय शुक्ल रिंकू ने कहा कि आजादी की लड़ाई तथा आधुनिक भारत के निर्माण में हिन्दी पत्रकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, जिसे कतई नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। बेशक सोशल मीडिया आज मीडिया के नए चेहरे के रूप में उभर कर सामने आया है, लेकिन प्रिंट मीडिया की आज भी उतनी ही लोकप्रियता एवं विश्वसनीयता है। 

विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ उप सम्पादक मयंक बाजपेयी ने कहा कि सोशल मीडिया का तेजी से प्रसार हो रहा है और आज यह मीडिया प्रिंट मीडिया के सामने एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आया है। हालांकि सोशल मीडिया की अपनी कोई विश्वसनीयता नहीं है और न ही इस पर किसी प्रकार का नियंत्रण है, लेकिन इसकी बढ़ती लोकप्रियता के कारण इसकी भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहलाए जाने वाले प्रेस को अपनी विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए संघर्षशील रहना होगा। 

मुख्य वक्ता वरिष्ठ उप सम्पादक विकास शुक्ल ने कहा कि पत्रकारिता का रास्ता कभी आसान नहीं था और न आज है। आप के अंदर क्रिएटिविटी और बदलते दौर के साथ कुछ नया करने की क्षमता है, तब ही आप इस फील्ड में टिक सकते हैं। आज डिजिटल मीडिया, सोशल मीडिया के बीच बने रहना प्रिंट मीडिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। 

गोष्ठी को सभाध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र शर्मा, सरस्वती विद्या निकेतन के प्रधानाचार्य महेन्द्र त्रिपाठी, सरस्वती विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य राजकुमार कनौजिया, कृषक समाज के पूर्व प्रधानाचार्य डा. लखपतराम वर्मा, प्रो. रामअवतार विश्वकर्मा, पत्रकार लोकेश गुप्ता आदि ने सम्बोधित किया। कार्यक्रम का संचालन श्यामकिशोर अवस्थी ने किया। 

इससे पहले गोष्ठी का शुभारम्भ मुख्य अतिथि एसडीएम रत्नाकर मिश्र, विशिष्ट अतिथि पालिकाध्यक्ष विजय शुक्ल रिंकू, तहसीलदार सुखवीर सिंह ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित कर किया। संस्था का परिचय कार्यवाहक अध्यक्ष कामता सिंह कुशवाहा ने दिया।

इस मौके पर संस्था के संरक्षक मूलचंद भारद्वाज, महासचिव मंदीप वर्मा, सचिन शर्मा, करन राठौर, कृषक समाज इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य एपी सरोज, डा0 अनिल कुमार, देवेन्द्र सिंह, अधिवक्ता राकेश वर्मा, सुनील श्रीवास्तव, राजेश कश्यप, संजय वर्मा, रामकुमार कश्यप, राजन गुप्ता, धर्मवीर गुप्ता, अजय अग्निहोत्री, उमेश शर्मा, रफी अहमद, राजदीप शुक्ला, बरकत अली,  आदि मौजूद रहे।

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