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बुधवार, 1 मई 2024

प्रसार भारती के अपर महानिदेशक अनिल श्रीवास्तव के प्रयाग राज आगमन पर दूरदर्शन केन्द्र प्रयागराज ने आयोजित की शाम-ए-ग़ज़ल की महफिल

प्रसार भारती के अपर महानिदेशक  अनिल श्रीवास्तव के प्रयाग राज आगमन पर दूरदर्शन केन्द्र प्रयागराज ने आयोजित की शाम-ए-ग़ज़ल की महफिल

 प्रयागराज ने दिल्ली से आए प्रसार भारती सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के अपर महानिदेशक के सम्मान में आकाशवाणी एवं दूरदर्शन के कलाकारों मनोज गुप्ता, स्वाती निरखी, शिखा त्रिपाठी एवं मोनानली चक्रवर्ती ने शाम -ए-ग़ज़ल की एक शानदार शाम सजाई । अपर महा निदेशक ने दिन भर आकाशवाणी व दूरदर्शन केन्द्र के अधिकारियों के साथ कुछ अनिवार्य बैठक के साथ ही दस्तावेजों काअवलोकन  किया l आकाशवाणी की अधिकृत एवं अस्थाई उद्घोषिका शिप्रा श्रीवास्तव ने दूरदर्शन केन्द्र में उनका एक विशेष साक्षात्कार लिया जिसका विषय था "लोक प्रसारक की भूमिका में प्रसार भारती" उक्त साक्षात्कार का शीध्र ही दूरदर्शन उत्तर प्रदेश से प्रसारण किया जाएगा। तत्पश्चात दूरदर्शन केन्द्र प्रयागराज के कार्यक्रम प्रमुख व निदेशक अभिषेक तिवारी की अगुवाई और  कार्यक्रम  समन्वयक हर्षित कुमार के कुशल संयोजन में आयोजित "शाम-ए-ग़ज़ल" में प्रख्यात गायक मनोज गुप्ता, नामचीन गायिका स्वाति निरखी के साथ ही अपनी गायिकी और दिलकश आवाज़ के चलते तेजी से चर्चा में आ रही गायिका शिखा त्रिपाठी और मोनाली चक्रवर्ती ने एक से बढ़कर एक ग़ज़लें  आमंत्रित  दर्शकों, श्रोताओं और अपर महानिदेशक को सुनाईं l कार्यक्रम की शुरुआत स्वाति निरखी ने वयोवृद्ध शायर सुरेन्द्र शास्त्री के ग़ज़ल संग्रह "पूछती हैं मछलियों से मछलियां" की एक ग़ज़ल "मौसम है अपना बज़्म-ए-तरब फिर सजाइए,हम  रो  रहे  हैं  आप  कोई  गीत गाइये" से की उसके बाद मनोज गुप्ता ने आई. ए. एस. डॉक्टर हरिओम की रचना "आंखों में इकरार नहीं है कह दो हमसे प्यार नहीं है", बशीर भद्र की रचना "वो चांदनी का बदन खुशबुओं का साया है", गायिका शिखा त्रिपाठी  ने "बैठे हुए देते हैं वो दामन से हवाएं, अल्लाह करे हम ना कभी होश में आएं",वहीं मोनाली चक्रवर्ती ने "अगर तलाश करूं कोई मिल ही जाएगा, मगर तुम्हारी तरह कौन मुझको चाहेगा" तथा "सालोना सा सजन है और मैं हूं"
गाकर खूब महफिल जमाई l अपर महानिदेशक की मांग पर मनोज गुप्ता एवं स्वाति निरखी ने युगल गीत "यह दौलत भी ले लो यह शोहरत भी ले लो" तथा मनोज गुप्ता ने राज इलाहाबादी की गजल "लज्जते गम बढ़ा दीजिए, आप फिर मुस्कुरा दीजिए"तथा"सरकती जाए है रुख से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता" सुनाकर मंत्र मुग्ध कर दिया l तत्पश्चात कलाकारों की मांग पर अपर महानिदेशक ने भी बशीर बद्र की लिखी ग़ज़ल "सर झुकाओगे  तो पत्थर देवता हो जाएगा, इतना मत चाहो उसे वो बेवफा हो जाएगा" सुनाकर अपनी मखमली सुरों का एहसास कराया l समस्त कलाकारों के साथ रविशंकर "बांसुरी", जय किशन "वायलिन", दुर्गेश कुमार "सिंथेसाइजर", प्रशांत भट्ट "ऑक्टोपैड", सूर्या भट्ट "ढोलक" तथा आशुतोष गुप्ता एवं वासुदेव पांडे ने तबले पर संगत करके चार चांद लगा दिया lकार्यक्रम का मंच संचालन सुप्रसिद्ध उद्घोषक संजय पुरुषार्थी  और  शरद कुमार मिश्रा ने किया ।कार्यक्रम में आकाशवाणी दूरदर्शन केन्द्र के अधिकारियों कर्मचारियों के साथ ही अंशू त्रिपाठी, ज्योति यादव, अमित अवधेश, विभूति के अलावा शहर के कई गणमान्य मौजूद रहे ।

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