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सोमवार, 22 अप्रैल 2024

साहित्य सुरभि की काव्य गोष्ठी बरेली में संपन्न

बरेली, दिनांक 21 अप्रैल को महानगर बरेली की साहित्यिक संस्था "साहित्य सुरभि" की मासिक(तृतीय रविवारीय) गोष्ठियों की श्रृंखला में 361 वीं ( तीन सौ इकसठवीं) काव्यगोष्ठी संस्था कार्यालय,प्रह्लाद नगर, मणिनाथ रोड,स्थित कार्यालय के "हिन्दी भवन " में आयोजित की गई। गोष्ठी की अध्यक्ष वरिष्ठ कवि शायर हिमांशु श्रोत्रिय निष्पक्ष जी ने की। मुख्य अतिथि औऱ विशिष्ट अतिथि रणधीर प्रसाद गौड़ एवं गीतकार कमल सक्सेना रहे। कवि गोष्ठी में नगर के प्रख्यात साहित्यकार,कवि, गजलकारों ने अपनी श्रेष्ठतम रचनांओं के माध्यम से सामाजिक विसंगतियों पर दिल खोलकर प्रहार के साथ, हास्य-व्यंग्य,करुण, श्रृंगार,वीर रस प्रधान की स्तरीय कविताओं से उपस्थित जन समूह को करतल ध्वनि के लिए वाद्य कर दिया और खूब वाहवाही लूटी।
गीतकार कमल सक्सेना ने अपना गीत पढ़ते हुए कहा,,,,
एक ज़रा सी ठेस से टूटा नैनों ने जो सपन पला।
नागफनी बदनाम हो गयी औऱ सुमन ने हमें छला।
हिमांशु श्रोत्रिय निष्पक्ष ने कहा,,
आओ थोड़ी चर्चा करलें आस पास के बारे में।
बढ़ते मरुथल घटती जाती हरि घास के बारे में।
देर रात तक चली काव्यगोष्ठी में कवि सर्व श्री राम मूर्ति गौतम गगन,ब्रिजेन्द्र अकिंचन, ए के सिंह तन्हां, गजेन्द्र सिंह, सुभाष राहत, रणधीर प्रसाद गौड़,राज कुमार अग्रवाल , हिमांशु श्रोत्रिय निष्पक्ष,कमल सक्सैना, राजीव श्रीवास्तव,राज शुक्ल गजलराज, पृथ्वीराज सिंह, किशन बेधड़क ,के साथ साथ कवयित्री श्रीमती किरण प्रजापति दिल्ली,और श्रीमती सत्यवती सत्या ने भी चुटीले,गीत ग़ज़ल सुनाकर मनमोहलिया ।
आयोजक श्री ए के सिंह तन्हां ने सभी का सादर सम्मान सहित स्वागत सत्कार किया। 
 सरस मंच संचालन रोचकता के साथ श्रीमती किरण प्रजापति दिलवरी का सराहनीय रहा।
 आयोजक श्री ए के सिंह तन्हां ने संस्थापक/अध्यक्ष श्री राम मूर्ति गौतम गगन के संस्था की 30(तीस वर्ष) की सफल सेवा से अविभूत होकर शारदीय अभिनंदन में शाल और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।

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