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सोमवार, 29 अप्रैल 2024

काव्य कलिका : कमाल................

क्या हो गया है 
आज सबका हाल देखिये
बदलते वक्त में 
हुआ है जो... कमाल देखिये

उनसे तो है दोस्ती 
हुए न रूबरू कभी जिनसे
था साथ जिनसे वर्षों का
होती न दुआ सलाम देखिये!

यूं तो रहते साथ सदा
होती परस्पर न बात देखिये
हैं रिश्ते नाते बहुत से
पर नहीं संपर्क, हालात देखिये 

✍️ रामG
राम मोहन गुप्त 'अमर'

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