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गुरुवार, 4 अप्रैल 2024

130 KM की स्पीड में ट्रेन, ऊपर हाइटेंशन तार, दिल्ली से कानपुर तक हमसफर एक्सप्रेस की छत पर लेटकर आया युवक


 ट्रेन में सीट नहीं मिलने पर एक शख्स ने ऐसा काम किया कि रेल अधिकारियों के होश उड़ गए। दरअसल, शख्स ट्रेन की छत पर चढ़ गया था। उसने करीब 400 किलोमीटर का सफर ऐसे ही पूरा किया। जब ट्रेन दिल्ली से कानपुर पहुंची तो लोगों ने देखा कि शख्स छत पर आराम से लेटा हुआ है। जिसके बाद उसे नीचे उतारा गया।दरअसल, पूरा मामला कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर रात एक बजे का है, जब दिल्ली से चलकर हमसफर एक्सप्रेस ट्रेन प्लेटफॉर्म पर पहुंची थी। इसी बीच रेल अधिकारियों को ट्रेन की छत पर एक युवक के लेटे होने की सूचना मिली। जिसपर रेलवे का पूरा अमला प्लेटफॉर्म पर पहुंच गया।
सामने का दृश्य देख अधिकारी हैरान रह गए। क्योंकि, एक युवक ट्रेन की छत पर आराम से लेटा हुआ था। चूंकि, ट्रेन के ऊपर से 25000 वोल्ट की लाइन जाती है, ऐसे में यदि युवक खड़ा हो जाता तो बड़ा हादसा हो सकता था। इसलिए आनन-फानन बिजली की लाइन बंद कर उसे नीचे उतारा गया। पूछताछ में पता चला कि युवक का नाम दिलीप कुमार है और वो दिल्ली से हमसफर एक्सप्रेस के बी-11 कोच की छत पर बैठकर आ रहा है। यानि करीब 400 किमी का सफर दिलीप ने ऐसे ही तय किया। कानपुर में उसे नीचे उतारा गया। गनीमत रही कि कोई हादसा नहीं हुआ।बताया जा रहा है कि पहले तो दिलीप कुमार नीचे ही नहीं उतर रहा था, लेकिन जब जीआरपी और आरपीएफ के जवानों ने फुर्ती दिखाई तो वो उतरा। बाद में उसे रेलवे मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां जुर्माने के बाद उसे छोड़ दिया गया। मजिस्ट्रेट ने उसे चेतावनी भी दी कि दोबारा अगर ऐसी हरकत की तो कड़ी सजा मिलेगी।दिलीप कुमार ने बताया कि वो फतेहपुर जिले का रहने वाला है। उसे अपने घर जाना था लेकिन ट्रेन में कोई सीट नहीं खाली थी। भीड़ ज्यादा होने की वजह से वो छत पर चढ़ गया और वहीं लेट गया। हवा चल रही थी तो नींद आ गई। लेटे-लेटे ही दिल्ली के आनंद विहार स्टेशन से कानपुर सेंट्रल आ गया।गौरतलब है कि इस बीच ट्रेन की रफ्तार करीब 130 किलोमीटर प्रति घंटे की थी। साथ ही ऊपर हाइटेंशन लाइन भी थी। लेकिन खुशकिस्मती से दिलीप के साथ कोई हादसा नहीं हुआ। मामले में जीआरपी इंस्पेक्टर अनिल शर्मा का कहना है कि कानपुर सेंट्रल पर उसको ट्रेन के कोच में ऊपर छत पर लेटे हुए देखा गया था। जिसके बाद उसको जबरदस्ती नीचे उतारा गया। फिर प्रयागराज में मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां जुर्माना के बाद उसको छोड़ दिया गया। उसकी चेतावनी भी दी गई।

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