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सोमवार, 18 मार्च 2024

बरसाना के लाडली जी मंदिर में प्रसाद पाने के लिए भगदड़ मचने से एक दर्जन से ज्यादा श्रद्धालु बेहोश, दर्शन का क्रम जारी

मथुरा तीर्थ नगरी मथुरा के बरसाना में लड्डूमार होली से पहले ही दोपहर हालात भीषण हो गये। भारी भीड़ के कारण जहां दोपहर को राजभोग दर्शन के समय अफरातफरी मची, वहीं शाम को लड्डू होली के दर्शन खुलने के साथ ही स्थिति बिगड़ गई। यहां निकास द्वार की रेलिंग टूट गयी। इस दौरान करीब दो दर्जन महिला-पुरुष श्रद्धालु भीड़ के दबाव से गश खाकर गिर पड़े। जिनकी तबीयत बिगड़ी उन्हें स्वास्थ्य केंद्र ले जाकर उपचार दिया गया। कुछ लोगों के चोटिल होने की सूचना है। एक महिला की हालत गंभीर है, जिसे केडी मेडिकल कॉलेज भेजा गया है।बरसाना स्थित लाडली जी मंदिर में लठामार होली से पहले  लड्डू होली का आयोजन हुआ। जिसे देखने के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में लोग सुबह से ही यहां पहुंचने लगे थे। राधा-रानी के दर्शन को श्रद्धालुओं की भीड़ बनी हुई थी। दोपहर में राजभोग आरती से पहले भीड़ के दबाव में अचानक भगदड़ मच गई। इसमें करीब एक दर्जन महिला-पुरुष श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ गई। बड़ी मुश्किल से श्रद्धालुओं का यहां प्रवेश रोककर बीमार श्रद्धालुओं को प्राथमिक उपचार दिया गया और इसके बाद उन्हें परिजनों के साथ भेज दिया।
दोपहर में घटना के बाद प्रशासन चैन की सांस ले ही रहा था कि शाम को मंदिर के दर्शन खुलने से पहले फिर से हालात बिगड़ गए। वनवे होने के बाद भी श्रद्धालुओं को मंदिर में सफेद छतरी के सामने छटी सिंहपौर तक जाने दिया। जबकि यह निकास द्वार था। यहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच गए, जो मंदिर में प्रवेश का इंतजार करने लगे। शाम चार बजे मंदिर खुलने पर छोटी सिंहपौर पर मंदिर में प्रवेश करने वाले व मंदिर से बाहर निकलने वाले श्रद्धालुओं का दबाब बढ़ गया। इससे सीढ़ियों पर स्टील व लोहे की रलिंग टूट गयी और अफरातफरी मच गई। इसमें करीब एक दर्जन श्रद्धालु गिर गए। इनमें से कुछ को चोट लगी तो कुछ लहूलुहान हो गए। दिल्ली के भजनपुरा निवासी अदिति ने बताया कि भीड़ का दबाव बढ़ने पर वह गिर पड़ीं और घायल हो गईं। वहीं शाहदरा दिल्ली निवासी रूबी सिंह भी इस घटना में घायल हो गईं, जिन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया। पुलिस प्रशासन ने पहले ही तय कर लिया था कि एक रास्ते से प्रवेश होगा और दूसरे से निकास होगा। जिस रास्ते से निकास था, वहां पर जाने से श्रद्धालुओं को रोका नहीं गया। परिणाम यह रहा कि दर्शन खुलने से पहले वहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच गये। दर्शन खुलने से पहले पहुंचे श्रद्धालु वहां बैठ गये और दर्शन के लिए द्वार खुलने का इंतजार करने लगे। जैसे ही दर्शन खुले अंदर मौजूद श्रद्धालुओं को बाहर निकालने के लिए निकास द्वार की ओर का द्वार खोला गया। इसके खुलते ही दर्शन करके निकल रहे लोगों का दबाव इस रास्ते पर बढ़ा, उधर यहां दर्शन के इंतजार में बैठे लोगों का प्रवेश भी हुआ। इससे यहां स्थिति बिगड़ गयी। भीड़ के दबाव से यहां लगी रेलिंग टूट गयी। चीख पुकार मचने लगी। जो पुलिस कर्मी आसपास मौजूद थे, उनके हाथ-पांव फूल गये। जैसे-तैसे इस ओर आने वाले श्रद्धालुओं को रोककर दबे पड़े लोगों को निकाला गया। तब तक करीब एक दर्शन महिला-पुरुष श्रद्धालुओं की हालत बिगड़ चुकी थी। भगदड़ मचने पर जब लोग गिर पड़े या अचेत हो गये तो कुछ लोगों ने उन्हें एक तरफ करने के बाद मानव दीवार बनाकर उन्हें बचाया। भगदड़ मचने पर घवरायी महिलाएं चीखपुकार मचाने लगीं। जिन महिलाओं के साथ पुरुष थे, उन्होंने अपने साथ के पुरुषों का हाथ कसकर पकड़ लिया और उनके सहारे आगे बढ़ने लगीं। उधर बचाव में जुटे लोगों ने घायलों को एक तरफ कर उनके आगे दीवार की तरह खड़े हो गये और लोगों को आगे से निकलने का रास्ता देने लगे।
भीड़ के कारण बेहोश हुए और घायल हुए लोगों को इलाज के लिए काफी इंतजार करना पड़ा। शाम को निकास द्वार पर मची भगदड़ के दौरान दबे पड़े लोगों को बचाकर पुलिस कर्मियों ने कुछ को जूताघर की छत पर लिटा दिया तो दो लोगों को सफेद छतरी के सामने हॉल में लिटाया। काफी देर बाद उन तक स्वास्थ्य सेवा पहुंच सकी। तब तक ये लोग वहां परेशान पड़े रहे। हाल यह था कि घायलों की चीख पुकार सुनकर लोगों की रूह कांप रही थी। विनोद देवी की पसली टूट गयी थी और वह दर्द से बुरी तरह कराह रही थीं लेकिन भीड़ के कारण इलाज उन तक नहीं पहुंच पा रहा था। एसएसपी शैलेश पांडे ने बताया कि बरसाना में लड्डू होली के चलते भीड़ का दबाव अधिक रहा। भीड़ को नियंत्रित करके मंदिर में भेजा जा रहा है। भगदड़ मचने की बात अफवाह है। अपील की जाती है कि बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं भीड़ के चलते दर्शन करने में एहतियात बरतें।

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