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मंगलवार, 12 मार्च 2024

सीतापुर / बिसवां में एक शाम राम के नाम कवि सम्मेलन सम्पन्न

....अम्मा, चाचा- चाची नाना -नानी भूल जाएंगे



बिसबां - सीतापुर 9 मार्च। बाबा छोटेलाल लक्ष्मी देवी सेवा समिति के तत्वावधान में राष्ट्रीय कवि संगम सीतापुर  द्वारा बाबा छोटेलाल स्मृति महोत्सव के अंतर्गत आयोजित विराट राष्ट्रीय कवि सम्मेलन "एक शाम - राम के नाम"का आयोजन बाबा छोटेलाल बाल विद्यालय परिसर रामा भारी मे  संपन्न हुआ जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ कवि पं ब्रजमोहन शुक्ल ने की । आयोजन के मुख्य अतिथि निर्मल वर्मा विधायक बिसवां ने मां वीणावादिनी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया ।
उन्होने अपने संबोधन मे कहा  कविता समाज को दिशा व  प्रेरणा देती है।इस अवसर पर बरेली के वरिष्ठ गीतकार कमल सक्सेना का नागरिक अभिनन्दन किया गया ।

मुख्य अतिथि , अध्यक्ष ने उनको शाल माला पगड़ी  स्मृति चिन्ह् व सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया। इसके अतिरिक्त मधु इंडिया दरी फैक्ट्री की ओर से प्रबंधक कुलदीप सक्सेना, महादेव मेमोरियल इंटर कालेज के प्रबंधक देवकिनदंन मौर्य ग्राम प्रधान. अरबाब अहमद, डॉ. राकेश कुमार, ख़ुशी राम मौर्य  आदि कई प्रतिष्ठानो ने अपनी तरफ से तरह तरह के गिफ्ट देकर कमल सक्सेना को शुभकामनायें दीं।
सम्मान के बाद श्रोताओं की फरमाइश पर कमल सक्सेना ने सभ्यता औऱ संस्कारों से ओत प्रोत कविता पढ़ी जिसका श्रोताओं ने तालियां बजाकर खुले दिल से स्वागत किया।
कमल सक्सेना ने कहा कि,,
अपनी राष्ट्र भाषा का जो यूँ ही मान घटता रहा, अपनी बात अपनी ही जुबानी भूल जायेगें। पाश्चात्य सभ्यता जो दिलों में समाती रही अपनी सभ्यता रही अपनी सभ्यता की हर निशानी भूल जायेंगे।
मम्मी डैड अंकल आंट हलो हाय याद होगा अम्मा चाचा चाची नाना नानी भूल जाएंगे।
बाल गीत ट्विंकल ट्विंकल लिटिल स्टार होगा बच्चे चंदा मामा की कहानी भूल जायेगें.।
 कवि सम्मेलन में,10 जनपदों के लगभग 56 कवियों ने बहुत सुंदर काव्य पाठ करके कवि सम्मेलन को. उचाईयों तक पहुंचाया. जिसमें सुमन मिश्रा सीतापुर, बाराबंकी की कवियित्री लता श्रीवास्तव, रवि अवस्थी, अजय प्रधान, शिवकुमार व्यास, लखनऊ के अभिषेक शर्मा आज़ाद, सूरज सीतापुरी, आशुतोष आशु प्रतापगढ़, संदीप अनुरागी, गीता गंगवार लखनऊ आनंद खत्री, सतीश पाखंडी उन्नाव, श्रीमती विन्दु प्रभा तिवारी, सुधा सिंह बाराबंकी जगजीवन मिश्र सीता अंकिता शुक्ला कानपुर अनीता मौर्य लखनऊ, बाराबंकी की कवियित्री लता श्रीवास्तव, रवि अवस्थी, अजय प्रधान, शिवकुमार व्यास, लखनऊ के अभिषेक शर्मा आज़ाद, सूरज सीतापुरी, आशुतोष आशु प्रतापगढ़, संदीप अनुरागी, गीता गंगवार लखनऊ आनंद खत्री, सतीश पाखंडी उन्नाव, श्रीमती विन्दु प्रभा तिवारी, सुधा सिंह बाराबंकी जगजीवन मिश्र सीता अंकिता शुक्ला कानपुर अनीता  लखनऊ, शुभम कौशल सीतापुर, अतुल मिश्र मधुकर लखीमपुर, सतीश शुक्ल बरवर खीरी, योगेश मिश्र युग बरवर खीरी, ठहाका श्री अनिल बांके लखनऊ, दीपक सागर सीतापुर आदि कवियों ने काव्यपाठ कर कवि सम्मेलन को ऊंचाइयां प्रदान की। कवि सम्मेलन का सफल स़चालन गीतकार संजय सांवरा ने किया। कवि सम्मेलन में प्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक डा राकेश कुमार, वरिष्ठ अधिवक्ता बी एन गुप्त, आचार्य बालक राम, दिव्यांग संस्थान  के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु कांत मिश्र,श्रीकांत मौर्य मोनू, रमेश मौर्य मुन्ना, ओमप्रकाश वर्मा, कुलदीप सिंह, मंटू प्रधान की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। अंत में कमल सक्सेना ने कई श्रंगार के मुक्तक व एक गीत पढ़ा जिस पर श्रोताओं औऱ कवियों की भरपूर तालियां मिली।
 आयोजक वरिष्ठ कवि कमलेश मृदु ने सभी का. आभार व्यक्त करते हुए कहा कि,,  अस्मिता अपनी कहीं फिर से सवाली न हो जाये। बिना दीपक के दिवाली रात काली हो न जाये.।मानसिकता फिर जेहादी सिर उठाती जा रही मृदु देश यह पूरा सन्देश खाली  हो न जाये। श्रोताओं की तालियों के बीच. कार्यक्रम सुबह 5 बजे तक चला.।

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