प्रयागराज वाटर वूमन शिप्रा पाठक ने 105 दिनों में अयोध्या से रामेश्वरम तक राम जानकी वन गमन पद यात्रा कर इतिहास बना दिया है।अपनी पद यात्रा पूर्ण करने के उपरांत आज शिप्रा ने प्रयागराज पहुंच बड़े हनुमान जी का आशीर्वाद लिया एवम यहां प्रारंभ हो रहे अनुष्ठान में प्रथम आहुति डाली।इस अवसर पर शिप्रा ने बाघंबरी मठ के महामंडलेश्वर महंत बलवीर गिरि का आशीर्वाद लिया।महंत बलवीर गिरि ने कहा कि यह 39520किमी की राम जानकी पद यात्रा बिना राम और हनुमान की इच्छा के संभव नहीं है।उन्होंने कहा श्री राम अपने कार्य करने का अवसर हर किसी को नहीं देते।उन्होंने कहा यह शिप्रा पाठक के पूर्व जन्म के सिंचित कार्य हैं जो उन्हे इतनी पवित्र और पावन पद यात्रा कर राम जानकी ने भारत के विभिन्न तीर्थों का दर्शन करा दिया।
अंतर्राष्ट्रीय जल दिवस पर शिप्रा ने सर्वप्रथम त्रिवेणी दर्शन कर बड़े हनुमान जी का आशीर्वाद लिया। सभी से उन्होंने जल की हर बूँद को संरक्षित करने का निवेदन किया। आपको बताते चलें देश में वाटर वूमन के नाम से विख्यात शिप्रा पाठक ने 27 नवंबर को अयोध्या से अपनी राम जानकी पद यात्रा की शुरुआत की थी जिसका समापन 11 मार्च को रामेश्वरम में हुआ।इस दौरान शिप्रा ने उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़,महाराष्ट्र,कर्नाटक तमिलनाडु राज्य के जंगलों को पार किया एवम राम जानकी के पद चिन्ह के दर्शन किए।शिप्रा पाठक ने इस दौरान राम जानकी वन गमन मार्ग में पड़ने वाली दर्जनों मुख्य नदियों के जल को एकत्र कर रामेश्वरम भगवान पर जलाभिषेक किया।शिप्रा पाठक ने इस पद यात्रा के माध्यम से भारत के विभिन्न राज्यों में अध्यात्म जागरण से पर्यावरण जागरण भी किया है।उन्होंने राम जानकी के पद चिन्ह के साथ साथ राम जानकी वन वाटिका लगाने की भी संरचना की है जिसमें पर्यावरण प्रेमियों को जोडकर उनके द्वारा सहयोग लिया जाएगा।शिप्रा ने राम भक्तों को राम नाम के संकल्प को शक्ति के बारे में बताते हुए कहा पूरी पद यात्रा में श्री राम जानकी अदभुत रूप से उनका मार्गदर्शन करते रहे।उन्होंने कहा अपने इन पवित्र अनुभवों को संरक्षित करने के लिए एवम भारत के लोगों से इस यात्रा का अनुभव साझा करने के लिए एक पुस्तक भी लिखेंगी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Post Comments