प्रयागराज। लाइलाज बीमारी फाइलेरिया के उन्मूलन के लिए ट्रिपल ड्रग थेरेपी (आईडीए) अभियान शनिवार से शुरू हो गया है, जो कि 28 फरवरी तक चलेगा। अभियान की शुरूआत सभी 13 ब्लॉक के ग्राम प्रधान, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक, विद्यालयों में अध्यापकों ने खुद फाइलेरिया से बचाव की दवा खाकर किया। इस दौरान सभी ब्लॉक के पंचायत भवन, स्वास्थ्य केंद्र व विद्यालय में सामूहिक तौर पर फाइलेरिया उन्मूलन के लिए दवा खाने की शपथ भी दिलायी गयी। साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशु पाण्डेय व जनप्रतिनिधियों ने लोगों से फाइलेरिया की दवा खाने की अपील की है।मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशु पांडे ने कहा कि “फाइलेरिया से लड़ाई सभी 13 ब्लॉक में रह रहे लोगों को संगठित होकर लड़नी होगी। गर्भवती और अति गंभीर बीमार व्यक्ति को छोडकर फाइलेरिया की दवा का सेवन सभी को करना होगा तभी इससे बचाव संभव है। दवा सेवन के लिए आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य केंद्र, स्कूल, सरकारी एवं प्राइवेट कार्यालयों पर भी बूथ लगाकर लोगों को दवाई खिलाई जा रही है। क्षेत्र के लोगों से यह अपील है की वह अपने क्षेत्र में आशा कार्यकर्ता का सहयोग करें। अभियान के दौरान जब वह आपके घर आएँ तो हर घर का मुखिया फाइलेरिया की दवा खुद भी खाए और अपने परिवार को दवा खाने के लिए प्रेरित करें।“
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. आनंद सिंह ने बताया कि "फाइलेरिया रोधी दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। इन दवाओं का कोई विपरीत प्रभाव नहीं है, फिर भी किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं तो यह इस बात का प्रतीक है की उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के परजीवी मौजूद हैं। ऐसे किसी भी लक्षण से घबराएं नहीं क्योंकि यह लक्षण कुछ समय के बाद स्वतः ठीक हो जाते हैं। इस दवा का सेवन दो वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति और गर्भवती को यह दवा नहीं खानी है। इस दवा का सेवन खाली पेट नहीं करना है कौंधियारा ब्लॉक के अकोडा गांव की 17 वर्षीय खुशबू ने बताया कि “मैंने पहली बार फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन किया है। इसके लिए मुझे “पेशेंट स्टेक होल्डर ग्रुप” की फाइलेरिया रोगी चौरासा देवी ने प्रेरित किया, जिन्हें खुद फाइलेरिया है। मेरे मन में दवा को लेकर जो भी आशंका थी उसे उन्होंने दूर किया और मुझे यह बताया कि यह दवा सुरक्षित और असरदार है। तब जाकर मैंने अपने परिवार में सभी को फाइलेरिया की गंभीरता के बारे में बताया और सभी को दवा खाने के लिए राजी किया। आज मैंने दवा का सेवन नाश्ता करने के बाद किया। मेरे परिवार के सभी सदस्यों ने आज दवा का सेवन किया है।"
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