● इतिहास के पन्नों में 08 फरवरी का दिन कपिल देव के लिए है खास,
● हकीकत है या ख्वाब नहीं कपिल देव त्वाडा जवाब नहीं
देश-दुनिया के इतिहास में 08 फरवरी की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख विश्व क्रिकेट और कपिल देव के लिए खास है। वह 08 फरवरी 1994 का दिन था। मैदान था- अहमदाबाद का मोटेरा स्टेडियम।भारत और श्रीलंका के बीच सीरीज का तीसरा और अंतिम टेस्ट मैच खेला जा रहा था। कपिल देव के पास एक बेहद खास उपलब्धि दर्ज करने का मौका था। उन्हें इसके लिए महज एक विकेट की दरकार थी। श्रीलंकाई कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया। श्रीलंका की शुरुआत अच्छी नहीं रही। ओपनर रोशन महानामा को लेग स्पिनर अनिल कुंबले ने एलबीडब्ल्यू आउट करके श्रीलंका को पहला झटका दिया। मैच शुरू हुए एक घंटा बीत चुका था और फैंस को कपिल देव की उपलब्धि का इंतजार था, जो खत्म नहीं हो रहा था।समय सुबह करीब 10 बजकर 34 मिनट हो रहा था। तभी ऐतिहासिक पल आया। कपिल देव ने हसन तिलकरत्ने को कैच शॉर्ट लेग पर संजय मांजरेकर के हाथों कराकर इतिहास रच दिया। यह टेस्ट क्रिकेट में कपिल देव का 432 वां विकेट था। उन्होंने रिचर्ड हेडली के 431 विकेट के वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ दिया था। रिचर्ड हेडली का रिकॉर्ड तोड़ते ही कपिल के सम्मान में पूरा स्टेडियम खड़ा हो गया। इसके बाद मैदान के ऊपर हवा में 432 गुब्बारे उड़ाए गए। साथ ही कपिल देव के वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम करते ही दूरदर्शन ने अपना ब्रॉडकास्ट रोककर एक खास गाना चलाया-'हकीकत है या ख्वाब नहीं, कपिल देव त्वाडा जवाब नहीं। वाह. पा...जी. वाह .....।
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