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शनिवार, 6 जनवरी 2024

STF के साथ हुई मुठभेड़ में गोरखपुर का मोस्टवांटेड माफिया विनोद उपाध्याय ढेर

● STF के साथ हुई मुठभेड़ में गोरखपुर का मोस्टवांटेड माफिया विनोद उपाध्याय ढेर ! यूपी के टॉप माफियाओं की सूची में था शामिल

      
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले  का टॉप मोस्ट वांटेड 1 लाख रुपये का इनामी बदमाश विनोद उपाध्याय  एसटीएफ से हुई मुठभेड़ में ढेर हो गया. यह मुठभेड़ सुल्तानपुर में तड़के हुई थी. विनोद पर हत्या, लूट, अपहरण और फिरौती समेत 35 मामले अलग-अलग जनपदों में दर्ज थे. STF के साथ हुई मुठभेड़ में गोरखपुर का मोस्टवांटेड माफिया विनोद उपाध्याय ढेर ! यूपी के टॉप माफियाओं की सूची में था शामिल गोरखपुर का इनामी बदमाश विनोद उपाध्याय मुठभेड़ में ढेर, फोटो साभार सोशल मीडिया
1 लाख का इनामी बदमाश पुलिस मुठभेड़ में ढेर
उत्तर प्रदेश के 61 टॉप माफियाओं की सूची में शामिल गोरखपुर का इनामी बदमाश  विनोद उपाध्याय  को  तड़के एसटीएफ से हुई मुठभेड़ में सुल्तानपुर  में ढेर कर दिया गया. आपको बता दें कि विनोद उपाध्याय गोरखपुर अपराध जगत में बड़ा नाम था. उसके ऊपर 3 दर्जन मामले दर्ज थे. 
पुलिस को कई दिनों से थी तलाश, लोकेशन मिली सुल्तानपुर में विनोद उपाध्याय पिछले कई दिनों से पुलिस को चकमा देकर फरार था. एसटीएफ लगातार इसकी तलाश में थी. एसटीएफ को तड़के सुबह सुल्तानपुर में विनोद उपाध्याय के कहीं छिपे होने की सूचना मिली थी. पुलिस ने बताए गए ठिकाने पर पहुंचकर जैसे ही दरवाजा खोला तो अंदर से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू हो गयी. पुलिस की टीम ने अलग-थलग होकर जवाबी फायरिंग की जिसमें अंदर से फॉयरिंग कर रहा विनोद इस गोलीबारी में घायल हो गया.अस्पताल लेकर पहुंचे जहां उसकी मौत हो गयी. मौके से पुलिस ने एक स्टेनगन, मैगजीन, 30 एमएम की चाइनीज पिस्टल और स्विफ्ट डिजायर कार बरामद की है. विनोद उपाध्याय पर 35 से ज्यादा मुकदमे दर्ज थे. गोरखपुर के गुलरिहा थाने में दर्ज मामले में वह फरार चल रहा था.गोरखपुर जिले का मोस्ट वांटेड विनोद उपाध्याय अपराध जगत में बड़ा नाम था. मूल रूप से अयोध्या के मया पुरवा का निवासी था. शार्प शूटर के साथ ही गैंग बनाकर वारदात को अंजाम देता था. वर्ष 2007 में गोरखपुर सदर से विधायक का चुनाव भी लड़ा लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा. 
जिले के टॉप 10 माफियाओं की सूची में शामिल और उत्तर प्रदेश के 61 टॉप माफियाओं की सूची में भी शामिल था. हत्या, लूट, अपहरण और फिरौती समेत 35 मामले अलग-अलग जनपदों में दर्ज थे. पिछले काफी दिनों से यह फरार चल रहा था. गोरखपुर से सटे कई जिलों में आतंक का पर्याय बना हुआ था. पिछले वर्ष ही जून में पुलिस ने इसका मकान भी ध्वस्त किया था. पुलिस के साथ लगातार आंख-मिचौली खेलता रहा. पुलिस ने पहले इसके ऊपर 50 हज़ार का इनाम रखा, बाद में बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया था. तड़के सुबह करीब साढ़े 3 बजे सुल्तानपुर में हुई पुलिस के साथ मुठभेड़ में इनामी बदमाश मारा गया.

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