लखीमपुर खीरी 16 जनवरी। मंगलवार सुबह कलेक्ट्रेट स्थित डीएम कार्यालय में तहसील मोहम्मदी के ग्राम ग्रट पिपराहा निवासी हसमा बेगम अपनी पुत्री के साथ फरियाद लेकर पहुंची, डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने उनकी फरियाद सुनी, उसके निस्तारण के निर्देश दिए।
इसी बीच उनकी नजर छोटी बच्ची अलीमा पर पड़ी, इस पर महिला ने बताया कि इसके पिता का अभी कुछ वर्ष पूर्व निधन हो गया है। इसपर डीएम ने जिला प्रोबेशन अधिकारी संजय कुमार निगम को बुलाकर बालिका को स्पॉन्सरशिप योजना का लाभ दिलाए जाने के निर्देश दिए। निर्देश मिलते ही प्रोबेशन दफ्तर हरकत में आ गया। कार्मिकों से जरूरी दस्तावेज लेकर आवेदन की कार्यवाही पूरी की गई।
#######
● स्पांसरशिप योजना: अब जरूरतमंद बच्चों को हर महीने मिलेंगे चार हजार रुपये, आवेदन के लिए यह पात्रता जरूरी
लखीमपुर खीरी 16 जनवरी। शासन ने जोखिमपूर्ण परिस्थितियों में जीवन यापन करने वाले परिवारों के बच्चों की उचित देखभाल एवं अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए स्पॉन्सरशिप योजना संचालित की है। इस योजना के अंतर्गत अधिकतम 18 वर्ष आयु तक के पात्र बच्चों को आर्थिक सहायता के रूप में चार हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे।
डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता न हो या सिर्फ पिता की मृत्यु हो गई हो। माता-पिता गंभीर बीमारी से ग्रसित हो या कोई एक ग्रसित हो। महिला विधवा या तलाकशुदा हो ऐसी स्थिति में भी बच्चों को योजना का लाभ मिलेगा। साथ ही उन बच्चों को भी योजना का लाभ दिया जाएगा जो अपना पालन-पोषण करने असमर्थ और निराश्रित हों। ऐसे सभी बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना का लाभ मिलेगा। योजना के अंतर्गत अभिभावकों की आय ग्रामीण क्षेत्रों में 72 हजार रुपये वार्षिक तथा शहरी क्षेत्रों में 96 हजार रुपये वार्षिक से अधिक नहीं होनी चाहिए। माता-पिता दोनों या फिर वैध संरक्षक की मृत्यु होने की स्थिति में परिवार की अधिकतम आय सीमा का नियम लागू नहीं है। पात्र बच्चे या उनके अभिभावक आवेदन पत्र के साथ आधार कार्ड, आय तथा आयु प्रमाण-पत्र, अभिभावक का मृत्यु प्रमाण-पत्र एवं शिक्षण संस्थान में पंजीयन के प्रमाण पत्र के साथ कलेक्ट्रेट परिसर स्थित जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में जमा करा दें।
● यह है योजना की पात्रता
•ऐसे बच्चे जिनके पिता की मृत्यु हो गई हो, मां तलाकशुदा या परिवार से परित्यक्त हो।
•ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता या उनमें से कोई एक गंभीर/जानलेवा रोग से ग्रमित हो।
•ऐसे बच्चे जो बेघर है, निटाश्रित है या विस्थापित परिवार के साथ रह रहे हैं ऐसे बच्चे जो कानून से संघर्षरत है।
•ऐसे बच्चे जिन्हें बाल तस्करी, बाल विवाह, बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति से मुक्त कराया गया हो।
•ऐसे बच्चे जो किसी प्राकृतिक आपदा के शिकार हों ऐसे बच्चे जो दिव्यांग, लापता या घट से भागे हुए हैं।
•ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता या उनमें से एक कारागार में निरुद्ध है ऐसे बच्चे जो एचआईवी/एड्स से प्रभावित हो।
•ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता आर्थिक, शारीरिक या मानसिक रूप से देखभाल हेतु असमर्थ हो।
•ऐसे बच्चे जिनको सहायता एवं पुनर्वास की आवश्यकता हो।
•ऐसे बच्चे जो फुटपाथ पर जीवनयापन करने वाले प्रताड़ित, उत्पीड़ित या शोषित हो।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Post Comments