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शनिवार, 23 दिसंबर 2023

‘आराधना-महोत्सव भारत के लिए नवयुग के पदार्पण का दिन है : शंकराचार्य वासुदेवानंद

प्रयागराज। श्रीमज्ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज के सानिध्य में भगवान शंकराचार्य मंदिर ब्रह्मनिवास, अलोपीबाग में हो रहे नौ दिवसीय आराधना महोत्सव में बोलते हुए पूज्य शंकराचार्य जी ने कहा कि श्रीराम जन्म भूमि अयोध्या में भव्य मंदिर के निर्माण से पूरे विश्व में जहाँ भी सनातन धर्म के अनुयायी हैं, सभी उत्साहित हैं। भारत के लिए विशेष रूप से नवयुग के पदार्पण का दिन होगा। इसी दिन भारत के प्रधानमंत्री पर्दा खींचकर भक्तों के लिए दर्शन का द्वार खोलेंगे। अभी भूतल तैय्यार हो गया-फिर भी भव्य राम मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया चलती रहेगी। देश में अन्य स्थानों पर भी भव्य मंदिरों का निर्माण होना चाहिए।पूज्य शंकराचार्य ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी वासुदेवानंद जी ने कहा कि सम्पूर्ण भारत राम का है। भारतीयों के लिए गौरव कीबात है। मेरी व सभी राम भक्तों की सेवा भगवान राम व सनातन धर्म की रक्षा के लिए है।
नवदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में बोलते हुए पूज्य व्यास जगद्गुरु श्री रामानंदाचार्य रामनन्ददास जी रामकुंज अयोध्या ने मनमोहक संगीतमय भजनों के साथ महाभारत के विभिन्न प्रसंगों के साथ श्रीमद्भागवत की कथा सुनाया।आज प्रमुख रूप से 165 वर्ष तक विच्छिन्न रहने के बाद 1941 ई0 में श्रीमद्ज्योतिष्पीठ पर पीठासीन हुए पीठोद्धारक जगद्गुरु शंकराचार्य जी की जयंती एवं श्री राधा माधव पाटोत्सव के उपलक्ष्य में भगवान कृष्ण व राधा जी को पूज्य शंकराचार्य वासुदेवानंद जी माल्यार्पण किया। भगवान आदिशंकराचार्य की आरती पूजा के पश्चात् विप्रों को दक्षिणा एवं भक्तों को आशीर्वाद दिया। श्री ब्रह्मचारी गिरि जी ने लगभग एक घंटे तक 11 विद्वान वेद पाठियों द्वारा किए गए मन्त्रोच्चार के बीच दिव्य पूजा आरती करके आचार्यों को दक्षिणा प्रदान किया।  
श्रीमद्भागवत कथा के प्रारम्भ में पूज्य श्रीमद्ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी ने ज्योतिष्पीठ शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी शांतानंद सरस्वती एवं शंकराचार्य विष्णुदेवानंद सरस्वती जी महाराज के चित्र पर माल्यार्पण एवं आरती किया। पूज्य शंकराचार्य जी ने घोषित किया कि 26 दिसम्बर तक आराधना महोत्सव कार्यक्रम में प्रतिदिन निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रातः 7 से 9 बजे तक प्यारे मोहन जी के द्वारा श्री रामायण नवान्ह पारायण, 2 बजे से सायं 5 बजे तक श्रीमद्भागवत कथा, इसके बाद पूज्य शंकराचार्य जी का प्रवचन/आशीर्वाद कार्यक्रम होता है। सायं 7 से 9 बजे तक रूद्राभिषेक एवं 8 से 11 बजे तक प्यारे मोहन जी की मण्डली द्वारा मनभावनी रास लीला का आयोजन होगा। 23 दिसम्बर को गीता जयंती एवं पूर्व ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी विष्णुदेवानंद सरस्वती जी महाराज की जयंती कार्यक्रम होगा। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से ब्रह्मचारी गिरि जी, दंडी संन्यासी विनोदनंद जी सरस्वती, पूर्व प्रधानाचार्य पं0 शिवार्चन उपाध्याय, जयपुर के सीताराम शर्मा, सिंगरौर पंजाब के प्रधान जी, वेदप्रकाश शर्मा, स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती, ब्रह्मदत्तपुरी जी, आचार्य विपिन जी, आचार्य मनीष जी, आचार्य अभिषेक मिश्र जी, जितेन्द्र जी, रिषु मिश्रा, आचार्य भगवानदास, आचार्य रामनारायण, आचार्य ओमनारायण आदि सहित बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित रहे।

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