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शुक्रवार, 1 दिसंबर 2023

विश्व एड्स दिवस / राजकीय इंटर कॉलेज में स्वास्थ्य विभाग खीरी ने आयोजित की गोष्ठी एवं प्रतियोगिता

लखीमपुर खीरी। विश्व एड्स दिवस के अवसर पर राजकीय इंटर कॉलेज में स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक गोष्ठी एवं प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संतोष गुप्ता द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस दौरान विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ जगत प्रकाश सिंह और एसीएमओ डॉ अनिल कुमार गुप्ता, डिप्टी सीएमओ डॉ धनीराम भार्गव, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ प्रमोद वर्मा भी मौजूद है।

गोष्टी के दौरान विद्यालय के बच्चों को पहले सीएमओ डॉ संतोष गुप्ता और एसीएमओ डॉ अनिल कुमार गुप्ता द्वारा एड्स को लेकर जानकारी दी गई। उसके बाद सीएमओ डॉ संतोष गुप्ता द्वारा बच्चों के बीच जाकर उनसे सवाल जवाब किए गए। गोष्टी को संबोधित करते हुए सीएमओ डॉ संतोष गुप्ता ने बताया कि एड्स एक जानलेवा बीमारी है। ऐसे में इससे बचाव बेहद जरूरी है। हमें एड्स के होने के कारणों का पता होना बेहद जरूरी है, जिससे हम इस लाइलाज बीमारी से बच सकें। हालांकि वर्तमान समय में ऐसी दवाइयां बनाई जा चुकी है। जिसे एड्स संक्रमित व्यक्ति को देने से उसके जीवन को काफी हद तक सुरक्षित किया जा सकता है। एड्स- एचआईवी नामक विषाणु से होता है। संक्रमण के लगभग 12 सप्ताह के बाद ही रक्त की जाँच से ज्ञात होता है कि यह विषाणु है, ऐसे व्यक्ति को एचआईवी पोजिटिव कहते हैं। एचआईवी पोजिटिव व्यक्ति कई वर्षों (6 से 10 वर्ष) तक सामान्य प्रतीत होता है और व्यतीत कर सकता है, लेकिन दूसरो को बीमारी फैलाने में सक्षम होता है। यह विषाणु मुख्यतः शरीर को बाहरी रोगों से सुरक्षा प्रदान करने वाले रक्त में मौजूद टी कोशिकाओं (सेल्स) व मस्तिष्क की कोशिकाओं और धीरे-धीरे उन्हें नष्ट करता रहता है कुछ वर्षों बाद (6 से 10 वर्ष) यह स्थिति हो जाती है कि शरीर आम रोगों के कीटाणुओं से अपना क और तरह-तरह का संक्रमण (इन्फेक्शन) से ग्रसित होने लगता है, इस अवस्था को एड्स कहते हैं।  एड्स के होने के कुछ ऐसे प्रमुख कारण है जो एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन सम्पर्क से, एचआईवी संक्रमित सिरिंज व सूई का दूसरों के द्वारा प्रयोग करने से। एचआईवी संक्रमित मां से शिशु को जन्म से पूर्व, प्रसव के समय, या प्रसव के शीघ्र बाद, एचआईवी संक्रमित अंग प्रत्यारोपण शामिल है।
जीवन-साथी के अलावा किसी अन्य से यौन संबंध नही रखे।
एड्स से बचाव के लिए यौन सम्पर्क के समय निरोध (कण्डोम) का प्रयोग करना चाहिए, मादक औषधियों के आदी व्यक्ति के द्वारा उपयोग में ली गई सिरिंज व सूई का प्रयोग न करें। एड्स पीड़ित महिलाए गर्भधारण न करें, क्योंकि उनसे पैदा होने वाले शिशु को यह रोग लग सकता है। रक्त की आवश्यकता होने पर अनजान व्यक्ति का रक्त न लें, और सुरक्षित रक्त के लिए एचआईवी जांच किया रक्त ही ग्रहण व्यक्ति का प्रयोग में लिया हुआ ब्लेड/पत्ती काम में ना लेवें। डिस्पोजेबल सीरिन्ज एवं सूई तथा अन्य चिकित्सीय उपकरणों का प्रयोग करें। इस दौरान एसीएमओ डॉ अनिल कुमार गुप्ता ने बताया कि जनपद में वर्ष 2023 में 22420 एचआईवी की जांच की गई है जिनमें 45 पॉजिटिव मरीज मिले हैं इन सभी को स्वास्थ्य विभाग द्वारा सेवाएं दी जा रही है और लगातार एड्स नियंत्रण सोसाइटी के सहयोग से ऐसे मरीजों के चिन्हीकरण के लिए भी कार्य किया जा रहा है। गोष्टी के बाद आयोजित हुई जागरूकता प्रतियोगिता में बच्चों ने भाग लिया इसमें प्रथम पुरस्कार प्रियांशु मौर्य को मिला वहीं द्वितीय पुरस्कार शिवांशु मौर्य और तृतीय पुरस्कार मुकेश वर्मा को मिला। प्रतियोगिता में स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों को सीएमओ डॉ संतोष गुप्ता और विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ जगत प्रकाश सिंह, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ अनिल कुमार गुप्ता द्वारा पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का संचालन रेड क्रॉस सोसाइटी प्रभारी विष्णु दत्त भार्गव और चीफ फार्मासिस्ट परमानंद वर्मा द्वारा किया गया।

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