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सोमवार, 27 नवंबर 2023

आपकी भावना पवित्र होगी सरकार को मान्यता देनी ही पड़ेगी-नरेन्द्र सिंह गौड़

प्रयागराज। एक्यूप्रेशर संस्थान के राष्ट्रीय सम्मेलन में तीसरे दिन आज प्रथम सत्र में पूर्व शिक्षामंत्री डॉ. नरेन्द्र कुमार सिंह गौड़ मुख्य अतिथि के रुप में मौजूद थे। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए श्री गौड़ ने कहा कि एक्यूप्रेशर संस्थान के कार्य से ना सिर्फ स्वास्थ्य की दिशा में एक अलग राह मिली है, बल्कि प्रयागराज का गौरव विश्व पटल तक फैला है। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन ने जैसे पूरे विश्व को कुछ प्रतिनिधियों के माध्यम से इस प्रागंण में समेट लिया है। इस विधा के प्रकाश को लेकर वो वापस जायेगे और विश्व को नई ऊर्जा प्रदान करेंगे। 
प्रसिद्ध कॉडियोलॉजी (आयरलैण्ड) के ब्रजेन्द्र पाण्डे ने अपना वक्तत्व देते हुए कहा कि मैने नजदीक से इसका प्रभाव/इसका चमत्करिक देखा है। ऐलोपैथी चिकित्सक होते हुये भी इसका उपचार लिया है और लेता रहूँगा।प्रो. प्रभात वर्मा ने स्पाइन की संरचना को तीन भागों मे बाँटकर उपचार सूक्ष्मतम स्तर पर कैसे पहुँचे इस विषय पर व्याख्यान दिया। डॉ. राम कुमार शर्मा ने इसी कड़ी में स्पाइन की संरचना में क्या परिवर्तन होने पर रोग प्रकट होता है। यह बताते हुए आयुर्वेदिक एक्यूप्रेशर से हुये उपचार के परिणामों के बारे में बताया। दूसरे सत्र में डॉ. दीपक गुप्ता (प्रसिद्ध रेडियोलॉजिस्ट) ने मुख्य अतिथि के रुप में वक्तव्य देते हुए ऐलोपैथिक विधा के महँगे होने पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में जब कोई राह नहीं मिलती तब लोग एक्यूप्रेशर की शरण में आते है। लेकिन आवश्यक है कि लोग इसके बारे में जाने और आरंभ में ही इसके उपचार का लाभ लें। 
प्राचार्य ए.पी. सिंह ने डॉ. गुप्ता का स्वागत करते हुए उन्हें एक्यूप्रेशर परिवार का सदस्य बताया। ए.के. द्विवेदी ने धन्यवाद् ज्ञापन के दौरान यह कहाकि डॉ. दीपक गुप्ता का मार्गदर्शन हमारी विधा को हमेशा अधिकाधिक वैज्ञानिक बनाने में मदद करता है। 
अध्यक्ष जे.पी. अग्रवाल ने स्पाइन के रोग, पारकिन्सन, मस्तिष्क आदि रोगों के सरलतम उपचार प्रस्तुत किया। आज का कार्यक्रम एक्यूप्रेशर संस्थान से जुड़कर कार्य करने वाले देशभर से आये  उत्कृष्क केन्द्र संचालन का पुरस्कार 17 केन्द्र संचालकों को दिया गया। आज सम्मेलन में लगभग 1150 लोग शामिल रहें। जिनमें एस. के. गोयल, रामकुमार शर्मा, प्रभात वर्मा, विशाल जायसवाल, सुनील मिश्रा, अभय, अनिल शुक्ला, गीता गर्ग और अर्चना त्रिवेदी, आर.एन. गुप्ता, अंशु अग्रवाल करन केसरवानी, पीयूष विश्वकर्मा, गोविन्द सिंह आदि प्रमुख थे।

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