प्रयागराज। आधुनिक विज्ञान के लिए पहेली बन चुके बाबा जी ने आखिर दुनिया छोड़कर जाने का फैसला कर लिया.80 वर्षों से बिना भोजन और बिना एक बूंद पानी पीये ही जीवित रहने वाले,संत प्रहलाद जानी ब्रह्मलीन हो गए..
महाराज जी अरवल्ली स्थित शक्तिपीठअंबाजी के निकट गब्बर पर्वत की तलहटी मे रहते थे..
सिर्फ 10 साल की आयु मे ही घर छोड़कर सन्यास लिया था और भगवती अंबाजी के साक्षातकार होने के बाद अन्न और जल का त्याग कर दिया था.बाबा के ऊपर कई मेडिकल टेस्ट भी हुए,देश की जानी-मानी संस्था डीआरडीओ के वैज्ञानिको की टीम ने सीसीटीवी कैमरे की नजर मे 15 दिनो तक 24 घंटे नजर मे रखा..
बाबाजी को डिस्कवरी चैनल पर भी दिखाया गया था क्योंकि डॉक्टर और वैज्ञानिक ये मानने को तैयार ही नही थे,बाबा ने अपने योगबल से सूर्य की रोशनी को आहार बनाया,क्युकी यह चमत्कार एक सनातनी द्वारा हुआ है इसलिए कोई इसकी चर्चा नही करता अन्यथा अब तक तो पूरे विश्व मे इनका डंका बज गया होता..
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