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शनिवार, 16 सितंबर 2023

कोलकाता / राष्ट्रीय कवि संगम द्वारा याद किये गये साहित्यकार शरतचन्द्र एवं कविवर डॉ. चन्द्रदेव सिंह

कोलकाता, 16 सितम्बर। "साहित्यकार शरतचंद्र को जितना पढ़ो, मन भरता ही नहीं । शरत बाबू की लेखनी के जादू से वशीभूत हुए बिना कोई पाठक नहीं रह सकता, उनकी लेखनी पाठकों को बाँध कर रखती है।" ये उद्गार  हैं राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ.अशोक बत्रा के जो कि  मुख्य अतिथि के रूप में राकस पश्चिम बंगाल द्वारा आयोजित काव्यांजलि कार्यक्रम में बोल रहे थे।
बंगाल के प्रख्यात उपन्यासकार एवं कथाकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की जयंती तथा कोलकाता के प्रसिद्द कवि डॉ० चन्द्र देव सिंह की पुण्यतिथि पर
 राष्ट्रीय कवि संगम की मध्य कोलकाता इकाई ने, संस्था के प्रांतीय अध्यक्ष  डॉ. गिरधर राय की अध्यक्षता में, एक अभूतपूर्व आभासी काव्य गोष्ठी का सफल आयोजन किया। गणमान्य अतिथियों में प्रांतीय उपाध्यक्ष श्यामा सिंह एवं प्रांतीय महामंत्री राम पुकार सिंह भी उपस्थित रहे| कार्यक्रम के संयोजन का भार सम्भाला जिला अध्यक्ष रामाकांत सिन्हा ने एवं संचालन के दायित्व का निर्वाह किया जिला महामंत्री स्वागता बसु ने| कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ जिला मंत्री आलोक चौधरी की सरस्वती वन्दना एवं जिला अध्यक्ष रामाकांत सिन्हा के स्वागत भाषण के साथ| आलोक चौधरी ने शर्त बाबू के उपन्यासों को अपनी कविता में दर्शाया – उपन्यासों का जादूगर डालने जादू आया| इस अवसर पर डॉ० गिरिधर राय ने अपने आतंरिक सहकर्मी शिक्षाविद कविवर डॉ० चन्द्र देव सिंह की पुण्यतिथि पर कविवर का जीवन परिचय देते हुए उनकी रचनाओं का पाठ किया एवं सभी का मन मोह लिया| हिंदी दिवस पखवाड़े को ध्यान में रखते हुए डॉ० राय ने हिंदी भाषा की दुर्दशा पर कुछ पंक्तियाँ पढीं जोकि हिंदी की वर्तमान स्थिति को स्पष्ट दृष्टिगोचर करती हैं -जितना नुक्सान किया ना हिंदी का, अंग्रेजों ने दो सौ सालों में,/ उससे कहीं अधिक कर डाला, अंग्रेजी में रुचि रखने वालों ने। यह अवसर तब और भी यादगार बन गया जब पटल पर डॉ० राय का जन्मदिन उन्हीं की उपस्थिति में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया| सभी साहित्य मनीषियों ने डॉ० गिरिधर राय को उनके जन्मदिन पर बधाई एवं आतंरिक शुभकामनाऍं कविताओं के माध्यम से भेंट की| जिन रचनाकारों ने इस अपूर्व संध्या पर अपनी काव्य सुरभि बिखेरी उनके नाम हैं – श्यामा सिंह, राम पुकार सिंह, देवेश मिश्र, रामाकांत सिन्हा, स्वागता बसु, आलोक चौधरी, नीता अनामिका, हिमाद्री मिश्र, मोहन चतुर्वेदी, डॉ.ए.पी. राय, रीमा पाण्डेय, विकास ठाकुर, भारती मिश्रा, श्वेता गुप्ता श्वेताम्बरी, कामायनी संजय, डॉ० मनोज मिश्रा, बीर बहादुर सिंह एवं दीपा ओझा| इस अवसर पर श्रोताओं के रूप में नंदलाल रौशन, राजीव मिश्रा, नीलम मिश्रा, डॉ० उर्मिला साव ‘कामना’, डॉ० शिप्रा मिश्रा एवं रीता चंद्रा पात्रा भी उपस्थित रहे| अंत में यह काव्य गोष्ठी जिला मंत्री आलोक चौधरी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ सुसम्पन्न हुई|

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