अधिक मास पूर्ण होने पर हुआ हरि-हर का मिलन, भस्मारती में बाबा महाकाल को लगा 56 भोग, महापंचामृत पूजन हुआ,,,।
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में वैसे तो प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है और श्रद्धालु बाबा महाकाल के निराकार से साकार स्वरूप के दर्शन करते हैं। लेकिन बुधवार को अधिकमास की समाप्ति पर बाबा महाकाल के दर्शन करने बड़ी संख्या में भक्त मंदिर पहुंचे। रात तीन बजे मंदिर के पट खुलते ही पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया। भस्मआरती के पूर्व मंदिर में पुजारी, पुरोहितों ने जलाभिषेक कर भगवान महाकाल का भांग से श्रृंगार किया, जिसके बाद अधिकमास के पूर्ण होने पर श्री महाकालेश्वर पुजारी परिवार की ओर से बाबा महाकाल को छप्पन भोग अर्पित किया गया।
पाठपूजन के बाद महानिवार्णी अखाड़े के द्वारा भस्म अर्पित की गई। मंदिर के पुजारी पंडित गौरव शर्मा ने बताया कि अधिक मास के पूर्ण होने पर मंदिर में हरि और हर का मिलन हुआ। श्रावण मास शिव को समर्पित होता है, जबकि पुरुषोत्तम मास भगवान विष्णु को। इसलिए भगवान हरि और हर की कृपा सभी देशवासियों पर बनी रहे इसी कामना के साथ मंदिर में विशेष पूजन अर्चन हुआ। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने चलायमान दर्शन व्यवस्था के तहत अपने इष्ट देव बाबा महाकाल के दर्शनों का लाभ लिया।
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