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सोमवार, 17 जुलाई 2023

"बेस्ट स्कूल ऑफ द वीक" के खिताब से अलंकृत हुआ बेहजम क्षेत्र का उच्च प्राथमिक विद्यालय रतसिया

काबिल-ए-तारीफ : मेहनत के बल पर बदल दी सरकारी स्कूल की सूरत

● प्रधानाध्यापक की रंग लाई मेहनत, सप्ताह का सर्वश्रेष्ठ विद्यालय बना यूपीएस रतसिया

लखीमपुर खीरी 16 जुलाई। रोशनी जहां पड़ती है वहां उजियारा कर देती है, एक शिक्षक के पास शिक्षा रूपी रोशनी का वह भंडार होता है जिसे वह हर विद्यार्थी को समान रूप से बांटकर उनके जीवन को रोशन करता है। ऐसी ही रोशनी बांटने में जुटे हैं बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक संतोष कुमार मिश्रा जो इन दिनों बेहजम ब्लॉक के यूपीएस रतसिया में प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात हैं। यहां उन्होंने कुछ ही दिनों में उन बच्चों को स्कूल की ओर मोड़ा है जो नामांकन के बाद कभी स्कूल में आते ही नहीं थे। वहीं अब उनके प्रयास से विद्यालय में बच्चों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।

यूपीएस रतसिया अपने उत्कृष्ट कार्यो से बेसिक शिक्षा का नाम रोशन कर रहा हैं। यहां शिक्षक घर-घर दस्तक देकर अभिभावकों को शिक्षा का महत्व बता रहे हैं। वही बच्चों की प्रतिभा निखारने में भी पूरे जी-जान से जुटे हैं। डीएम महेंद्र बहादुर सिंह की अभिनव पहल "best school of the week" के तहत इस सप्ताह का सर्वश्रेष्ठ विद्यालय बनने का खिताब अपने नाम दर्ज किया। 

प्रधानाध्यापक संतोष कुमार मिश्रा ने बच्चों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया इसके लिए वे घर-घर पहुंचे अभिभावकों व बच्चों से मिले, रैली निकाली उसका सुखद परिणाम रहा और आज बच्चों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। यहां वे बच्चों को स्कूली शिक्षा के साथ-साथ खेलकूद व व्यावहारिक ज्ञान पर भी फोकस कर रहे हैं। बच्चे उनके साथ बहुत घुल मिल गए हैं और बच्चों की नियमित उपस्थिति भी अच्छी हुई है।

प्रधानाध्यापक, उनकी टीम की लगन, कड़ी मेहनत से विद्यालय का कायाकल्प हुआ। विद्यालय में 154 नामांकन है। वर्तमान में मात्र एक सहायक अध्यापक, एक अनुदेशक के होते हुए इस विद्यालय में लगभग 10 गांव के बच्चे, निजी स्कूलों से नाम कटवाकर शिक्षा ग्रहण कर रहे। विद्यालय, कायाकल्प के सभी 19 पैरामीटर्स से संतृप्त है। विद्यालय का भौतिक, शैक्षणिक परिवेश उत्कृष्ट, मनमोहक है। विद्यालय में सुसज्जित पुस्तकालय है, जिसमे 1004 विभिन्न पुस्तकें व खेल सामग्री है। विद्यालय को आम, मोरपंख, बोटल पाम, गुलाब, गेंदा, सागौन, चांदनी और अन्य तरह-तरह के छायादार, फलदार, औषधीय पेड़ पौधों से सजाया है। शानदार चाहरदीवारी, आकर्षक बागवानी एवं विद्यालय का परिवेश लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। नियमित टाइम टेबल से पढ़ाई के साथ साथ गणित वैदिक रीति से पढ़ाई कराई जा रही। विद्यालय में खेल का अच्छा मैदान है। बच्चों का सर्वांगीण विकास विद्यालय का सर्वोच्च लक्ष्य है। और यहां के नौनिहाल जिला स्तर तक विभिन्न खेलों में अपनी पहचान बना चुके हैं। 

शून्य निवेश नवाचार का प्रयोग से कक्षा कक्षों की सभी दीवारें टी.एल.एम. से सजी हैं। इनका प्रयोग बच्चों के अधिगम स्तर को बढ़ाने में किया जा रहा। वर्तमान में विद्यालय में दीक्षा ऐप, रीड एलोंग ऐप और स्मार्ट क्लास (प्रोजेक्टर) का प्रयोग करते हुए पठन-पाठन का कार्य किया जा रहा, जिससे बच्चों की उपस्थिति 80 फीसदी के ऊपर रहती है। लखनऊ से आई राज्य स्तरीय टीम भी विद्यालय के भौतिक परिवेश की जमकर सराहना कर चुकी है।

प्रधानाध्यापक संतोष कुमार मिश्रा बताते हैं कि उच्च प्राथमिक विद्यालय रतसिया को इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए जहां गांव के लोगों ने अहम रोल निभाया, वहीं उनकी टीम की मेहनत भी रंग लाई। अच्छी पढ़ाई के चलते लोगों ने स्कूल में विश्वास दिखाया है।

"जीवन में हर मोड़ पर संघर्ष करना होता है। संघर्ष से ही जीवन में प्रत्येक व्यक्ति ऊंचाइयों को प्राप्त करता हैं। निपुण भारत के लक्ष्यों के अनुसार यूपीएस रतसिया में बच्चों को जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा रही है वह निश्चित तौर पर काबिले तारीफ है। यूपीएस को आम से खास बनाने को किए गए संघर्ष के लिए प्रधानाध्यापक व स्टाफ को शुभकामनाएं।" 
● प्रवीण तिवारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी लखीमपुर खीरी

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