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शुक्रवार, 7 जुलाई 2023

प्रयागराज / मंदिर में मिले दो शंकराचार्य, हुई गुप्त गूं

प्रयागराज (विज्ञप्ति)। मज्ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज ने अलोपीबाग प्रयागराज स्थित आश्रम में निर्मित भगवान आदि शंकराचार्य मंदिर में श्री कांची काम कोटी पीठाधिपति जगदगुरु शंकराचार्य श्रीश्रीविजयेंद्र महाराज अपराहन 3:45 बजे पधारे। दोनों ही शंकराचार्य श्री मज्ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी शांतानंद सभा कक्ष में लगभग आधे घंटे तक साथ रहे। पूज्य कांची कोटी के शंकराचार्य के आश्रम परिसर में प्रवेश करते ही दंडी संन्यासी ब्रह्मचारी एवं सैकड़ों वेद पाठीयों ने वेद मंत्रों का वाचन करके उनका अभिनंदन स्वागत किया और पूरे मार्ग में पुष्प वर्षा किया।उक्त अवसर पर ज्योतिष्पीठ शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी ने उन्हें पूज्य स्वामी शांतानंद सरस्वती जी की पुण्य स्मृति ने प्रकाशित शताब्दी ग्रंथम भेंट किया और कांची काम कोटी शंकराचार्य ने शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद को शाल अर्पित करके रुद्राक्ष की माला पहनाया।उक्त अवसर पर कांची काम कोटी पीठाधिपति स्वामी श्री शंकराचार्य विजयेंद्र महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि प्रयाग प्रमुख तीर्थ स्थल है। यहां भगवान ब्रह्मा ने यज्ञ किया। हम सबको प्रयाग की पवित्रता बनाए रखकर प्रयाग की सेवा करना चाहिए। भक्त लोग स्वच्छ सुंदर व पर्यावरण प्रदूषण से मुक्त त्रिवेणी को बनाए रखें। ऋग्वेद में भी त्रिवेणी की महिमा का बखान किया गया है। शंकराचार्य जी ने ब्रह्मनिवास के नवनिर्मित भागवत भवन व अयोध्या के राम मंदिर की सुंदरता का बखान किया। सब को हटाकर दोनों शंकराचार्य ने पांच मिनट तक अकेले में गुप्त गूं किया।कार्यक्रम में प्रमुख रूप से ज्योतिष्पीठ विद्यालय के पूर्व प्राचार्य पंo शिवार्चन उपाध्याय, दंडी संन्यासी विनोदानंद, आचार्य विपिन ,राजेश शुक्ला जी, ब्रह्मचारी जितेंद्रानंद, प्राचार्य संतोष शुक्ला, आचार्य अभिषेक मिश्रा, मनीष, राहुल, रितु, एसपी त्रिपाठी, पीठ प्रवक्ता ओंकार नाथ त्रिपाठी प्रमुख रूप से सम्मिलित रहे।

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