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सोमवार, 17 जुलाई 2023

कुल्लू से लेकर दिल्ली, मथुरा से लेकर वाराणसी तक उफन रही हैं नदियां, अभी टला नहीं बाढ़ का खतरा

 वारिश ने पिछले 15 दिनों में उत्तर भारत ने जिस तरह तबाही मचाई है, उसके निशान अभी तक हैं. हिमाचल प्रदेश से लेकर उत्तराखंड और नई दिल्ली तक, कहीं जलजमाव ने लोगों के लिए मुश्किलें पैदा कर दीं तो कहीं बाढ़ आफत बनकर आई है.पिछले 3-4 दिन में कुछ जगह बारिश थमी थी, लेकिन खतरा अभी तक टला नहीं है. बल्कि ये बढ़ता हुआ दिख रहा है, क्योंकि यमुना के बाद अब गंगा भी रौद्र रूप ले रही है जिसका असर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दिख रहा है.दिल्ली में सोमवार को यमुना के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, तो हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में सोमवार को ही बादल फटा है जिसमें एक व्यक्ति की मौत हुई है. हफ्ते की शुरुआत फिर मौसम के कहर के साथ हुई है, कैसे अलग-अलग शहरों में नदियां उफान पर आ रही हैं उत्तराखंड के कई हिस्सों में बारिश हुई, कुछ जगह भू-स्खलन भी हुआ. जिसकी वजह से देवप्रयाग में गंगा खतरे के निशान को पार कर गई है, वहीं बांध से पानी छूटने की वजह से हरिद्वार में भी पानी का लेवल बढ़ने लगा है. अलकनंदा नदी पर बने बांध से पानी छोड़ा जा रहा है, जिसकी वजह से टिहरी इलाके में गंगा का लेवल 339.60 पहुंच गया है ये खतरे के निशान से 0.10 मीटर ऊपर है.हरिद्वार में भी गंगा अब खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, प्रशासन द्वारा निचले इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है और लोगों से गंगा किनारे से दूर रहने को कहा गया है. हरिद्वार के भीमगौड़ा बैराज में पानी के तेज बहाव की वजह से गेट नंबर-10 टूट गया था, जिसे तुरंत ठीक करने के आदेश दिए हैं.
बता दें कि लगातार हो रही बारिश की वजह से हरिद्वार जिले के करीब 70 से अधिक गांवों में बाढ़ के हालात हैं. उत्तराखंड में हरिद्वार के अलावा पिथौड़ागढ़, रुड़की, भगवानपुर, लक्सर जैसे इलाके भी बाढ़ की चपेट में हैं. कई परिवारों को रिलीफ कैंप में शिफ्ट किया गया है. गंगा में बढ़ते पानी का असर सिर्फ उत्तराखंड ही नहीं यूपी में भी दिख रहा है, यहां वाराणसी और प्रयागराज में कई घाट जल में समा गए हैं।यमुना पहले से ही दिल्ली और आसपास के इलाकों में अपना कहर बरपा रही है. दिल्ली में यमुना का जलस्तर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद कई इलाकों में पानी भरा रहा. आईटीओ, कश्मीरी गेट, मयूर विहार समेत अन्य इलाके अभी भी इसकी जद में हैं. हालांकि रविवार को काफी पानी कम हो रहा था, लेकिन सोमवार को जैसे ही दिल्ली में बरसात हुई एक बार फिर पानी बढ़ने लगा है, यानी खतरा बरकरार है।
यमुना अब दिल्ली से आगे अन्य इलाकों में भी असर दिखा रही है. आगरा में भी यमुना ने बाढ़ के खतरे के निशान को पार किया है, यहां लेवल करीब 495.8 फीट तक चला गया है. आगरा के निचले इलाकों में पानी भरने की समस्याएं आ रही हैं, जिसके बाद प्रशासन जागा है. आगरा से इतर मथुरा में भी बाढ़ ने लोगों की चिंताएं बढ़ा दी हैं, यहां यमुना का जलस्तर बढ़ने की वजह से घाट किनारे वाले मंदिरों में पानी भरने लगा है, श्रद्धालुओं को बाढ़ का पानी पार कर मंदिरों में प्रवेश करना पड़ रहा है।मौसम विभाग बार-बार लोगों को चेतावनी दे रहा है, अगले एक हफ्ते के लिए कुछ इलाकों में रेड अलर्ट जारी किया गया है जबकि ऑरेन्ज अलर्ट भी जारी किया गया है. पहाड़ों में हो रही लगातार बारिश की वजह से यमुना, गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है तो मैदानी इलाकों की बारिश शहरों में जलजमाव कर रही है. ऐसे में निचले इलाके कई तरह से प्रभावित हो रहे हैं।

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