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शनिवार, 22 जुलाई 2023

धार्मिक / वाराणसी में मंदिरों का होगा महाकुंभ, पटना महावीर मंदिर को मिला न्योता

वाराणसी। देश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक नगरी वाराणसी में मंदिरों का महाकुंभ लगने जा रहा है। शहर के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेन्टर में आयोजित हो रहे तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय टेम्पल्स कन्वेंशन एंड एक्सपो का उद्घाटन 22 जुलाई को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत करेंगे। इस कार्यक्रम में भारत के 350 और दुनिया के दूसरे देशों के 35 मंदिरों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। आमंत्रण के साथ 14 विशिष्ट मंदिरों की सूची जारी की गई है, जिसमें पटना के महावीर मंदिर न्यास को भी शामिल किया गया है। महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल मंदिरों के बेहतर प्रबन्धन, वित्तीय अनुशासन जैसे विषयों पर अपने तरह के पहले सम्मेलन में भाग लेंगे। आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि वे अन्तर्राष्ट्रीय मंदिर समागम में भाग लेने के लिए शुक्रवार 21 जुलाई को वाराणसी के लिए रवाना होंगे। उन्होंने बताया कि सालाना 11 हजार से शुरुआत कर 10 लाख रुपये प्रतिदिन की आय वाला पटना का महावीर मंदिर वित्तीय अनुशासन का श्रेष्ठ उदाहरण है।आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि महावीर मंदिर न्यास के वित्तीय अनुशासन और वित्तीय प्रबंधन के अपने अनुभवों को साझा करेंगे। किस प्रकार एक मंदिर की आय से महावीर कैंसर संस्थान समेत पांच बड़े अस्पताल संचालित किए जा रहे हैं। भर्ती मरीजों को भोजन-नाश्ता नि:शुल्क दिया जाता है। गरीब मरीजों को इलाज में विशेष छूट दी जाती है। आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि महावीर मंदिर ऐसा मंदिर है जो अपनी आय और जनसहयोग से संसार का विशालतम मंदिर का निर्माण करा रहा है। उन्होंने बताया कि दूसरे मंदिरों की तरह महावीर मंदिर में किसी भी विग्रह के समक्ष धनराशि नहीं चढ़ाई जाती। मंदिर में दान या किसी उद्देश्य के लिए राशि की मांग नहीं की जाती। आम भक्तों के दान की छोटी-छोटी रकम से मंदिर न्यास बड़े कार्य करता है।
राम मंदिर निर्माण के लिए दिए 8 करोड़ अयोध्या में नि:शुल्क राम रसोई और सीतामढ़ी में सीता रसोई जैसे लोक कल्याण के कार्य किए जा रहे हैं। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भी 8 करोड़ रुपये की सहयोग राशि अब तक दी जा चुकी है। शेष 2 करोड़ रुपये और दिए जाएंगे। आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि सनातन धर्म की आस्था के केन्द्र रामलला जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपये की सहयोग राशि देने से महावीर मंदिर का नाम और गरिमा पूरी दुनिया में बढ़ी है।

अंतर्राष्ट्रीय मंदिर समागम के विषय 

-मंदिर प्रबंधन तंत्र को सुदृढ़ करना
-मंदिरों में वित्तीय अनुशासन और दान की राशि का सदुपयोग 
-मंदिर प्रबंध समिति सदस्यों को सूचना तकनीक की अत्याधुनिक पद्धतियों, तकनीकों आदि से अवगत कराना. अन्यान्य विषय।

इन विशिष्ट मंदिरों के प्रबन्धन को न्योता 

-काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग, वाराणसी। 
- महाकाल ज्योतिर्लिंग, उज्जैन ।
शिरडी साईं बाबा मंदिर, शिरडी।
-माता वैष्णो देवी मंदिर, कटरा, जम्मू ।
- वि_ल रुक्मिणी मंदिर, पंढारपुर
- जगन्नाथ मंदिर, पुरी।
- तिरुमाला तिरुपति बालाजी, तिरुमाला।
-मां कंकाल काली मंदिर, अकोडी, उत्तर प्रदेश।
-गिरनार दत्तात्रेय मंदिर, जूनागढ़। 
-काली माता मंदिर, कोलकाता। 
-मां कामाख्या शक्तिपीठ, गुवाहाटी। 
-स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर, अहमदाबाद।
-इस्कॉन मंदिर, मायापुर,मुंबई,बंगलोर
-महावीर मंदिर, पटना।

दूसरे देश के 35 मंदिरों के प्रतिनिधि लेंगे हिस्सा 

इन 14 मंदिरों समेत भारत के 350 और दुनिया के दूसरे देशों के 35 मंदिरों के प्रतिनिधियों को 24 जुलाई तक चलनेवाले अंतर्राष्ट्रीय मंदिर समागम में आमंत्रित किया गया है. भारत के बाहर के देशों में ब्रिटेन, अमेरिका, मलेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर, श्रीलंका, आस्ट्रेलिया, म्यांमार, संयुक्त अरब अमीरात और नेपाल जैसे देशों के मंदिरों के प्रतिनिधि इस समागम में भाग लेंगे.

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