● नजीर बना प्राथमिक स्कूल धुरहा, दे रहा प्रेरणा
● जब आएंगे पीएस धुरहा तो कान्वेंट जाएंगे भूल
लखीमपुर खीरी 14 मई। एक ऐसा विद्यालय जिसकी हर दीवार कुछ सिखाती है, जिसका मैदान खेलने के लिए आकर्षित करता है, जहां शिक्षक सिर्फ बच्चों को समझाने की बजाय उनको समझने पर भी जोर देते हैं...। बिल्कुल ऐसा ही है कुंभी ब्लाक का धुरहा प्राथमिक विद्यालय है। जी हां, सरकारी विद्यालय। जब यहां आप आएंगे तो कान्वेंट स्कूलों की भव्यता भी भूल जाएंगे। डीएम महेंद्र बहादुर सिंह की अभिनव पहल "best school of the week" के तहत इस सप्ताह का सर्वश्रेष्ठ विद्यालय बनने का खिताब अपने नाम दर्ज किया।
पीएस धुरहा में मात्र 02 शिक्षक हैं, जिसमें एक शिक्षक, एक शिक्षिका हैं। विद्यालय की उपस्थिति 75 से 80 फीसदी रहती है तथा सभी नौनिहाल स्कूल यूनिफार्म में प्रार्थना सभा में शामिल होते हैं।
बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ जनरल नॉलेज की भी काफी जानकारी है। विद्यालय प्रांगण स्वच्छ और पेड़-पौधों से भरा पड़ा है। विद्यालय को करीने से सजाया भवन स्कूल के बोझिल वातावरण को खुशनुमा बनाने वाला है। यहां की दीवारों पर ज्ञानवर्धक संदेश देखे जा सकते हैं। पढ़ाई के साथ समग्र विकास के लिए सभी जरूरी संसाधन स्कूल में मौजूद हैं।
इंचार्ज प्रधानाध्यापक इरफान अली के नेतृत्व में प्रत्येक सप्ताह स्कूल में कोई ना कोई प्रतियोगिता होती है। पीटीएम बैठक में बच्चों के नियमित उपस्थिति पर फोकस रहता है। विद्यालय में आकर्षक पुस्तकालय, रीडिंग कॉर्नर की उचित व्यवस्था है। खेलकूद के लिए खेल सामग्री, दीक्षा एप से बच्चों को पठन-पाठन की सामग्री उपलब्ध है। विद्यालय की दीवारों पर आकर्षक बाला पेंटिंग की उपलब्धता, प्रिंट रिच मटेरियल सामग्री का बच्चों को इस्तेमाल कर रहे है। विद्यालय में छात्रों को विभिन्न कार्यों की जिम्मेदारी दी, जिसमें पौधों,बागवानी की जिम्मेदारी तथा क्लास मानीटर के रूप में अनुशासन बनायें रखना। अनुपस्थित छात्रों को सूचित करना है। विद्यालय में नामांकन 131 है, जिसमें 64 छात्र, 67 छात्रा है। शिक्षक-शिक्षिका के निरंतर प्रयास से विद्यालय को निपुण बनाने की ओर अग्रसर है।
स्कूल का स्वच्छ शौचालय बना नजीर
प्राथमिक विद्यालय का शौचालय अन्य स्कूलों के लिए स्वच्छता के मामले में नजीर बन गया है। अंदर से बाहर तक साफ-सफाई और रंग-रोगन किया गया है। आम तौर पर स्कूलों में इस तरह के साफ-सुथरे और रंग-बिरंगे शौचालय देखने को नहीं मिलते।
बच्चों को पसंद है स्कूल का वातावरण
गर्मी से बच्चों को बचाने के लिए विद्यालय में हवा की अच्छी व्यवस्था की गई है। इसके अलावा पानी की व्यवस्था भी स्कूल में साफ-सुथरी है। एक टंकी में सात टोंटियां लगाई गई हैं। टंकी के टाइल्स दमकते हैं।
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