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गुरुवार, 23 मार्च 2023

प्रयागराज / रानी रेवती देवी में भारतीय नव वर्ष की पूर्व संध्या पर विराट कवि सम्मेलन संपन्न

प्रयागराज विद्या भारती से संबद्ध काशी प्रांत के रानी रेवती देवी सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कॉलेज, राजापुर, प्रयागराज में भारतीय नव वर्ष की पूर्व संध्या एवं विश्व कविता दिवस पर पूर्व छात्र परिषद द्वारा विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें देश विदेश में प्रसिद्धि पा चुके नामचीन कवियों ने अपनी रचनाओं से उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया lप्रारंभ में विद्यालय के प्रधानाचार्य बांके बिहारी पांडे ने समस्त कवियों को माल्यार्पण, अंगवस्त्रम एवं स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया तथा कार्यक्रम की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कविता ने देश की स्वतंत्रता से लेकर आज तक अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया तथा हमारी संस्कृति को संभालने में सदैव तत्पर रही है l कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गुरु प्रसाद मौर्य , विधायक फाफामऊ ने अपने उद्बोधन में कहा कि साहित्य समाज का दर्पण होता है जब जब देश को जरूरत पड़ी तब तब साहित्य ने समाज को नई दिशा दी है lविद्यालय के संगीताचार्य एवं मीडिया प्रभारी मनोज गुप्ता ने बताया कि यह कार्यक्रम हर वर्ष भारतीय नववर्ष की पूर्व संध्या पर विद्यालय से शिक्षा प्राप्त कर चुके पूर्व छात्रों द्वारा आयोजित किया जाता है जिसका संयोजन विद्यालय के पूर्व छात्र एवं कविता पाठ के क्षेत्र में प्रसिद्धि प्राप्त कर चुके शिवम भगवती द्वारा किया जाता है lकार्यक्रम का शुभारंभ प्रख्यात कवित्री डॉ नीलिमा मिश्रा की वाणी वंदना "ज्योतिर्मयी करुणामई वरदायिनी मां शारदे" से हुआ l तत्पश्चात योगेंद्र मिश्र _विश्वबंधु" ने अपनी रचना "यूं तो यह सपना है लेकिन शायद सच हो जाए, हो राग द्वेष से मुक्त देश यह स्वर्ग तुल्य हो जाए" , विद्यालय के पूर्व छात्र आदर्श सिंह ने "एक नहीं थे इसीलिए हम 200 वर्ष गुलाम रहे, गद्दारों की करतूतों से पल-पल हम अनजान रहे" प्रख्यात कवित्री नीलिमा मिश्रा ने "अहले दुनिया को बताने के लिए काफी हूं, फिर से इतिहास रचाने के लिए काफी हूं"सुना कर एक नई दिशा प्रदान की l इनके बाद देश-विदेश में अपनी कविताओं के माध्यम से पहचान बनाने वाले प्रख्यात कवि डॉ श्लेष गौतम ने अपनी रचना "साहस का शौर्य का बिंदु हूं, ममता का दया का सिंधु हूं, मैं राम कृष्ण का वंशज हूं, मैं हिंदू हूं मैं हिंदू हूं"  सुनाकर भारतीय नववर्ष की सार्थकता प्रस्तुत की l उन्होंने अपनी एक और रचना "हर किया हर कहा भुलाएंगे सच की झूठी कसम उठाएंगे, आप जिनको समझ रहे अपना आपको पल में भूल जाएंगे" सुनाकर श्रोताओं के दिलों में उतर गए l तत्पश्चात कार्यक्रम का संयोजन कर रहे शिवम भगवती ने "निर्जन वन में पैदल जाना पड़ता है पितु वचनों का धर्म निभाना पड़ता है, राम राम कहने वाले यह भूल गए शबरी मां का जूठन खाना पड़ता है"  सुनाकर रामराज्य की कल्पना को साकार किया l इसके बाद विद्यालय के पूर्व छात्र उत्कर्ष यादव ने "हम दोनों की एक कहानी गायब है मिलते हैं तो आंख से पानी गायब है, छोटी पीठ पर भारी भारी बस्ते हैं बचपन की अब वह शैतानी गायब है" सुना कर छात्र जीवन की कल्पना को साकार किया l इनके बाद सुमधुर स्वरों की धनी कवित्री शांभवी सिंह ने अपनी ग़ज़ल "तुझे नजरों की बातें आज नजरों से बतानी है, दिखाना है कि इनमें भी भरा मर्मघ्न पानी है, जो तेरा दिल दुखाया था कभी वह आत्मग्लानि है जो कल तेरी कहानी थी वह अब मेरी कहानी है" सुना कर अपने मीठे स्वरों का एहसास दिलाया l तत्पश्चात युवा कवि आशीष कवि गुरु ने  "कहां अब आशिकी अच्छी लगेगी तुम्हें तो बेरुखी अच्छी लगेगी, अगर एहसास कर लोगे मोहब्बत तो फिर यह जिंदगी अच्छी लगेगी" सुनाकर जवां दिलों में गुदगुदी पैदा कर दी l  इसके बाद रामकृष्ण द्विवेदी ने अपनी रचना "नववर्ष तुम्हारा अभिनंदन शुभ वर्ष तुम्हारा अभिनंदन, महके यह जग झूमे यह जग ज्यों सुरभित मलयागिरि चंदन" सुनाकर नव वर्ष का स्वागत किया l कवि सम्मेलन का संचालन शिवम भगवती ने किया, अंत में कार्यक्रम का संचालन कर रहे विद्यालय के आचार्य दिनेश कुमार शुक्ला ने अपनी रचना "मैं लूटा ऋतुराज हूं तुम पत्थरों से दूर साथी , मैं अधूरा स्वप्न हूं तुम मांगलिक सिंदूर साथी" सुनाकर कविता पाठ का समापन किया l कार्यक्रम में प्रमुख रूप से इलाहाबाद उच्च न्यायालय के शासकीय अधिवक्ता एवं विद्यालय के प्रबंधक शिव कुमार पाल, सेल्स टैक्स के वरिष्ठ अधिवक्ता के एन कुमार, प्रधानाचार्य युगल किशोर मिश्रा, अवधेश मिश्रा एवं मिल्कियत सिंह बाजवा, कमलाकर तिवारी, शंभूनाथ श्रीवास्तव, श्याम नारायण राय सहित छात्र-छात्राएं एवं अभिभावक गण भारी संख्या में उपस्थित रहे l

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