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गुरुवार, 29 दिसंबर 2022

कानपुर / चाचा देश का सैनिक, भतीजी हनीट्रैप की क़्वीन

कानपुर। देश में हनी ट्रैप के कई मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन कानपुर में आया मामला सबको चौंका रहा है. यहां एक बर्खास्त सिपाही ने अपनी भतीजी के साथ मिलकर कई शहरों के छह व्यापारी और अधिकारियों को अपना शिकार बना लिया. बर्खास्त सिपाही अपनी 'एके-47 वाली भतीजी को सामने लाकर लोगों को अपने हनी ट्रैप में फंसाता था. सोशल मीडिया पर एके-47 के साथ फोटो खिंचवाने वाली यह भतीजी एके-47 के नाम से चर्चित है. कानपुर के एक व्यापारी को भी इस भतीजी ने अपने जाल में फंसाया था, लेकिन जेल से छूटने के बाद इस व्यापारी ने इसके पूरे रैकेट का खुलासा किया तो पुलिस ने बर्खास्त सिपाही और उसकी भतीजी वाले गैंग पर एफआईआर दर्ज कर ली है. दरअसल, पूरी कहानी शुरू होती है कानपुर से. एके-47 के साथ फोटो खिंचाने वाली सुनीता (बदला हुआ नाम) ने अपने बर्खास्त सिपाही चाचा के साथ मिलकर कानपुर के एक व्यापारी को अपने जाल में फंसाया था. सिपाही होते हुए भी चाचा मौरंग का काम करता था. व्यापारी भी कल्याणपुर में मौरंग का थोक कारोबारी है.इसी चक्कर में व्यापारी और सिपाही की दोस्ती हुई. इस दोस्ती में ही सिपाही ने पहले व्यापारी से ढाई लाख रुपया मौरंग के लिए एडवांस में लिया, फिर पैसा मांगने पर अपनी भतीजी को सामने करके व्यापारी को हनीट्रैप के जाल में उलझा दिया. व्यापारी के मुताबिक, सुनीता ने उसे कई बिल्डरों को मौरंग सप्लाई का ऑर्डर दिलवाने के नाम पर एक होटल में बुलाया था. व्यापारी आगे बताते हैं कि वहां उसकी हरकतें देखकर मैं रिसेप्शसन के पास से ही बाहर निकलकर भाग गया, इसके बाद सुनीता ने मेरे ऊपर आरोप लगाया कि तुमने मेरे साथ गलत किया है, फिर उसके सिपाही चाचा ने भतीजी की शिकायत पर कल्याणपुर थाने में एफआईआर दर्ज करा दी. फिर पुलिस ने व्यापारी को जेल भेज दिया. इसके बाद सुनीता और सिपाही चाचा, व्यापारी की पत्नी से समझौते के नाम पर 50 लाख रुपये की डिमांड करने लगे.

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