लखनऊ। 2000 बैच की आईपीएस लक्ष्मी सिंह को यूपी की पहली महिला पुलिस कमिश्नर बनाया गया है। उन्हें एनसीआर के सबसे अहम जिले नोएडा का पुलिस कमिश्नर बनाया गया है। एडीजी रैंक के अधिकारी आलोक सिंह की जगह आईजी लक्ष्मी सिंह को जिम्मेदारी दी गई है।
लक्ष्मी सिंह ने कहा, 22 साल के करियर में मैंने अपनी पोस्टिंग के दौरान कई जगहों पर काम किया। अब नोएडा को महिला सुरक्षा की दृष्टि से सर्वश्रेष्ठ बनाना है। साइबर अपराध, महिलाओं के खिलाफ अपराध के अलावा मैं जनता में पुलिस के प्रति बेहतर विश्वास पैदा करने के लिए लगातार काम करूंगी। सरकार ने हम पर भरोसा जताया है। उनकी उम्मीदों पर खरा उतरना हमारी प्राथमिकता है।बेहतर पुलिसिंग के जरिए लोगों को न्याय दिलाना प्राथमिकता होगी। महिला सुरक्षा की दृष्टि से नोएडा को बेहतर बनाएंगे। महिलाओं से जुड़ी ऐसी कोई चुनौती नहीं है जिसका समाधान न किया जा सके। समय के साथ पुलिस भी बदल रही है और महिला सशक्तिकरण का तरीका भी। नोएडा शहरी क्षेत्र है। महिलाओं को लेकर अच्छा काम होगा, जिससे एक अलग विश्वास स्थापित हो सके।आईजी रेंज लखनऊ में पोस्टिंग का समय जून 2020 था, जब लक्ष्मी सिंह ने जिम्मेदारी संभाली थी। लक्ष्मी सिंह ने कई बड़ी घटनाओं के खुलासे और महिलाओं के खिलाफ अपराध को रोकने के लिए भी अलग-अलग तरह से सक्रियता दिखाई है।लखीमपुर खीरी कांड में 4 किसानों की मौत के मामले में आईजी लक्ष्मी सिंह ने किसान और सरकार दोनों तरफ से अहम भूमिका निभाई थी। पूरे मामले पर काबू पाने की जिम्मेदारी ली। लखीमपुर खीरी कांड के समय उन्होंने पूरे जिले में किसानों के गुस्से को शांत करने में अहम भूमिका निभाई थी। सरकार की ओर से किसानों से बात की और समझौता करवाया।लखीमपुर खीरी में उन्होंने छोटी बच्चियों के साथ हुई घटनाओं का मौके पर खुलासा करने और पीड़ित परिवार को संतुष्ट करते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की जिम्मेदारी भी अपने ऊपर ली थी। उन्नाव जैसे अति संवेदनशील जिले में महिलाओं के खिलाफ अपराध से उपजे कई मामलों में पूरी घटना का खुलासा होने तक आईजी लक्ष्मी सिंह खुद मौके पर पहुंचीं और डटी रहीं।कानपुर के बिकरू के आतंकी विकास दुबे को जांच सौंपी, ताकि वह मामले की तह तक जाए और पुलिस की वर्दी में छिपे अपराधियों के मददगारों का पर्दाफाश करे। उन्नाव जिले में खेत में रस्सी से बंधी तीन लड़कियों के मामले की जांच की जिम्मेदारी लक्ष्मी सिंह ने संभाली। उन्नाव कांड में तीन दिन के भीतर आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया। 2000 बैच की आईपीएस अधिकारी लक्ष्मी सिंह ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग और समाजशास्त्र में एमए की डिग्री पूरी करने के बाद खाकी पुलिस की वर्दी पहनी थी। वह अपनी ड्यूटी ईमानदारी और हिम्मत से करती हैं। पुलिस विभाग में अपने करियर के दौरान लक्ष्मी सिंह 2014 में डीआईजी के पद पर आगरा में रहीं।साल 1974 में जन्मी लक्ष्मी सिंह 2000 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। नोएडा में पोस्टिंग से पहले वे लखनऊ में आईजी के पद पर तैनात थीं। आईपीएस लक्ष्मी सिंह के पति राजेश्वर सिंह फिलहाल बीजेपी विधायक हैं। ईडी जैसी जांच एजेंसी में रहते हुए राजेश्वर सिंह ने कई बड़े खुलासे भी किए हैं। साल 2022 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव से पहले राजेश्वर सिंह नौकरी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। उन्हें स्वाति सिंह का टिकट काटकर सरोजिनी नगर विधानसभा सीट से उतारा गया था। राजेश्वर सिंह 54 हजार वोटों से चुनाव जीत गए।
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