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गुरुवार, 10 नवंबर 2022

मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से ब्लॉक स्तरीय नर्स मेंटर को किया गया प्रशिक्षित

लखीमपुर खीरी। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने हेतु एक आवश्यक बैठक आरसीएच नोडल / एसीएमओ डॉ अश्वनी कुमार की अध्यक्षता में सीएमओ ऑफिस सभागार में संपन्न हुई। जिसमें जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात नर्स मेंटर को प्रशिक्षित किया गया। इस बैठक सहयोगी पार्टनर एजेंसी उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट के जिला एवं मंडल स्तरीय सहयोगी उपस्थित रहे।
जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता लल्ला सिंह द्वारा बताया गया कि इस महत्वपूर्ण बैठक में ब्लॉक स्तरीय सीएचसी पर तैनात नर्स मेंटर को 7 बिंदुओं पर प्रशिक्षित किया गया है। जिनमें गर्भवती माताओं की प्रसव पूर्व जांच कराना, प्रति गर्भवती माता की द्वितीय व तृतीय त्रैमासिक प्रसव पूर्व जांच, किसी भी एक महिला रोग विशेषज्ञ की देखरेख में अनिवार्य रूप से होना, गर्भावस्था के दौरान पाई जाने वाली हाई रिस्क प्रेगनेंसी की गर्भवती महिलाओं की संस्थागत प्रसव को अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाना, प्रसव के दौरान निशुल्क यातायात जांचें, दवाएं, भोजन और आवश्यकता पड़ने पर खून की व्यवस्था कराया जाना, प्रसव पश्चात कम से कम 48 घंटों तक प्रसूता को जच्चा-बच्चा वार्ड में रखना और अनिवार्य रूप से चिकित्सक द्वारा निरंतर देखभाल किया जाना, प्रसव से लेकर 42 दिन तक प्रसूता व बच्चे की आशा द्वारा 1,3, 7, 14, 21, 28 व 42 दिनों पर घर भ्रमण कर स्वास्थ्य लाभ की जानकारी करना के साथ ही किसी भी मातृ मृत्यु दर होने पर बिना घबराए हुए कोई भी व्यक्ति उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी टोल फ्री नंबर 104 पर फोन कर इसकी जानकारी दे सकता है। जिसके बदले सरकार द्वारा सूचना देने वाले को 1000 रुपए की सम्मान राशि दी जाती है। इस दौरान डीपीएम अनिल यादव व अन्य जिला स्तरीय अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।

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