कमिश्नर प्रणाली से मुकदमों की विवेचना में तेजी आएगी, जिससे लोगों को राहत मिल पाएगी। लंबित विवेचनाओं के निस्तारण के साथ ही उनकी गुणवत्ता में सुधार होगा। इससे फरियादियों को काफी लाभ मिलेगा। इसके साथ ही पुलिस अधिकारियों पर काम का बोझ भी कम होगा। अधिकारियों की संख्या बढ़ने से मुकदमों की विवेचना का बंटवारा हो जाएगा, जिससे उनका पर्यवेक्षण करने में भी आसानी होगी। छोटे-छोटे मामलों का निपटारा भी पुलिस जल्द कर सकेगी। थानेदार या सीओ को मजिस्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर कार्यवाही के लिए इंतजार नहीं करना होगा|पुलिस कमिश्नर प्रणाली के फायदे पुलिस को न्यायिक शक्तियां भी मिल जाती हैं। इसके बाद गुंडा एक्ट, गैंगस्टर, शांति भंग जैसे कई मामलों में उन्हें जमानत या पाबंद करने या कार्रवाई करने के लिए किसी मजिस्ट्रेट की जरूरत नहीं रहती है| कमिश्नर प्रणाली में जिले का प्रभारी एडीजी या कम से कम आईजी रैंक का एक अधिकारी बनेगा। उसके नीचे लगभग 10-12 या ज्यादा भी हो सकते हैं आइपीएस तैनात होंगे। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के बढ़ने से मानिटरिंग, प्लानिंग और समन्वय अच्छा होता है। साथ ही पुलिस में और अलर्टनेस आती है|वरिष्ठ आइपीएस होने के नाते कमिश्नर अपनी बात शासन-प्रशासन तक मजबूती से रख सकता है। एसएसपी रैंक के अधिकारी के लिए चीफ सेक्रेट्री या डीजीपी जैसे स्तर पर कई बार मजबूती से अपनी बात रखना संभव नहीं हो पाता है|
पूर्व आइजी रेंज केपी सिंह ने कहा : कमिश्नरेट का रिटायर पुलिस अधिकारियों ने भी स्वागत किया है। पूर्व आइजी रेंज केपी सिंह का कहना है कि कई राज्यों में कमिश्नरेट पहले से लागू है। नई व्यवस्था में पुलिस अधिकारियों को डीएम अथवा एसडीएम के आदेश का इंतजार नहीं करना होगा। कई बार असलहा के लाइसेंस को निरस्त करने की रिपोर्ट भेजी जाती है, लेकिन वह लंबित रहती है। अब ऐसा नहीं होगा। निरस्तीकरण के साथ ही शस्त्र लाइसेंस भी जल्द मिल सकेगा। काम भी बेहतर ढंग से हो पाता है। कमिश्नरी प्रणाली में अधिकारियों के संसाधन सहित अन्य सुविधाओं का भी ध्यान रखने की आवश्यकता होती है|
पूर्व आइपीएस लालजी शुक्ला बोले- यह व्यवस्था आजाद भारत से पहले की है : पूर्व आइपीएस लालजी शुक्ला बताते हैं कि यह व्यवस्था आजाद भारत से पहले की है। मद्रास, बांबे, दिल्ली समेत अन्य शहरों में यह प्रणाली बहुत ही कारगर रही है। अच्छा रिस्पांस मिलता है। अपराध पर अंकुश लगने के साथ ही कानून-व्यवस्था की कठिनाइयों का आसानी से समाधान होता है|आइजी डा. आरके सिंह बोले : आइजी डा. आरके सिंह ने कहा कि प्रयागराज में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने की शुभकामनाएं। इस व्यवस्था से अपराध और कानून-व्यवस्था में सुधार होगा। लंबित विवेचनाओं के निस्तारण में तेजी आएगी और पुलिस की कार्यशैली में बदलाव से आम नागरिकों को राहत मिलेगी|एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने कहा- समस्याओं का तेजी से होगा निस्तारण एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने कहा कि कमिश्नरेट से निश्चित तौर पर अपराध और अपराधियों पर कानूनी शिकंजा मजबूती से कसा जाएगा। कानून-व्यवस्था में और सुधार होगा। बेहतर पर्यवेक्षण से मुकदमों की विवेचना में गुणवत्ता आएगी। यातायात और दूसरी समस्याओं का तेजी से निस्तारण होगा|10 लाख की आबादी में लागू करने का नियम : पुलिस कमिश्नर प्रणाली 10 लाख की आबादी वाले शहर में लागू करने का नियम है। इसके लिए गृह मंत्रालय द्वारा गठित समिति ने वर्ष 2005 में रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी थी। इससे पहले वर्ष 1983 में प्रकाशित नेशनल पुलिस कमीशन की छठवीं रिपोर्ट के अनुसार पुलिस आयुक्त प्रणाली पांच लाख या इससे ज्यादा आबादी वाले शहर में लागू करने का निर्णय लिया गया था। मालूम हो कि पुलिस कमिश्नर प्रणाली को ब्रिटिश हुकूमत ने पुलिस एक्ट 1861 के अस्तित्व में आने से पहले तत्कालीन बंबई, कलकत्ता और मद्रास शहर में लागू किया गया था। जबकि देश की राजधानी दिल्ली में पुलिस कमिश्नरेट वर्ष 1977-79 में लागू हुआ था|
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